India-China: लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद ताइवान के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को बधाई पोस्ट किया था. इस पोस्ट पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया के खिलाफ अब चीन ने विरोध दर्ज कराया है. बीजिंग के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने भारत को वन-चाइना नीति के प्रति नई दिल्ली की प्रतिबद्धता की याद दिलाई और ताइवान की राजनीतिक चालों से सतर्क रहने को कहा. दूसरी तरफ अमेरिका ने भारत की प्रतिक्रिया का समर्थन किया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, मैने पूरी रिपोर्ट नहीं देखी है, लेकिन इस तरह का बधाई संदेश डिप्वोमैटिक कामकाज का सामान्य तरीका है. 


चीन हमेशा से ताइवान को अपनी अभिन्न विद्रोही प्रांत मानता है. चीन का कहना है कि वह जरूरत पड़ी तो सैन्य ताकत के बल पर ताइवान को चीन की मुख्य भूमि में शामिल करेगा. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ताइवान के राष्ट्रपति के बधाई संदेश पर दिए गए जवाब पर विरोध प्रकट किया है. चीनी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता माओ निंग ने गुरुवार को कहा, 'सबसे पहले यह साफ होना चाहिए की ताइवान के पास अपना कोई राष्ट्रपति नहीं है.'


चीन ने भारत को सतर्क रहने की दी चेतावनी
ग्लोबल टाइम्स ने प्रवक्ता निंग के हवाले से बताया, 'दुनिया में केवल एक चीन है. भारत ने एक-चीन सिद्धांत के संबंध में गंभीर राजनीतिक प्रतिबद्धताएं की हैं और उसे ताइवान के अधिकारियों की राजनीतिक योजनाओं के प्रति सतर्क रहना चाहिए. भारत को एक-चीन सिद्धांत का उल्लंघन करने वाले क्रियकलापों से बचना चाहिए.' चीन ने कहा भारत को ताइवान के अधिकारियों की राजनीतिक चाल को पहचानकर उसका विरोध करना चाहिए. 


मोदी ने ताइवान को बधाई संदेश का दिया जवाब
दरअसल, पिछले महीने निर्वाचित हुए ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने मोदी को बधाई देते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट किया था. चिंग-ते ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव में जीत पर मेरी हार्दिक बधाई. हम तेजी से बढ़ती ताइवान-भारत साझेदारी को और आगे ले जाने और व्यापार, प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए उत्सुक हैं.' इस बधाई संदेश का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, 'लाई चिंग-ते आपके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए धन्यवाद. मैं ताइवान के साथ आपसी आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हुए घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं.' 


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