ब्रह्मपुत्र नदी पर डैम बनाने पर भारत ने खड़े किए सवाल, चीन बोला- नहीं होगा कोई नुकसान
India Question To China: तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो नदी पर चीन के मेगा हाइड्रोपावर डैम के निर्माण से निचले तटीय राज्यों पर संभावित रूप से पड़ने वाले प्रभाव और समस्याओं पर भारत ने आवाज उठाई.
India Question To China: चीन की ओर से तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर बनाए जा रहे मेगा हाइड्रोपावर डैम के पर भारत की ओर से चिंता जताई गई है. भारत की ओर से कहा गया है कि चीन की इस परियोजना से निचले बहाव वाले देशों पर इसका असर पड़ेगा. वहीं, इस मामले पर अब चीन की ओर से सफाई सामने आई है.
बीजिंग ने शनिवार (4 जनवरी) को कहा कि इस परियोजना का दशकों के विस्तार के साथ अध्ययन किया गया है. चीन की ओर से कहा गया है कि इस परियोजना में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि पर्यावरण की सुरक्षा के साथ इसका निचले बहाव वाले देशों पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े. भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों ने इस परियोजना पर सवाल खड़े किए हैं.
अमेरिकी के NSA विदेश मंत्री से करेंगे मुलाकात
वहीं वाशिंगटन से शनिवार को आई रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिकी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन 5-6 जनवरी को अपनी भारत यात्रा के दौरान इस डैम के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं. जेक सुलिवन भारत यात्रा के दौरान भारत के NSA अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे और एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे.
उम्मीद है कि वह जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सहयोग से हुए महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में बात करेंगे. जेक सुलिवन के भारत यात्रा की अधिकारिक घोषणा व्हाइट हाउस ने शुक्रवार रात को की.
'चीन के अपस्ट्रीम बांध पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं'
वहीं अमेरिका के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि हमने इंडो-पैसिफिक में देखा है कि चीन ने कई जगहों पर अपस्ट्रीम बांध बनाए हैं, जो वास्तव में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं. बल्कि डाउनस्ट्रीम देशों पर जलवायु प्रभाव डाल सकते हैं. भारत में, चीनी दूतावास ने शनिवार को कहा कि चीन हमेशा "सीमा पार नदियों के विकास के लिए जिम्मेदार" रहा है.
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