बीजिंग: कोरोना से दुनिया परेशान है लेकिन चीन से एक और चेतावनी आई है. चीन की बैट वूमेन के नाम से मशहूर वैज्ञानिक शी जेंगली ने चेतावनी दी है कि कोरोना जैसे कितने ही वायरस प्रकृति में अब भी मौजूद हैं. बैट वूमेन ने चतावनी दी है कि अगर शोध ना हुआ कोरोना जैसी कई महामारियां फैल सकती हैं.


चमगादड़ को अशुभ माना जाता है. अब तो उन्हें बीमारी बांटने वाला भी माना जाता है क्योंकि पहले सार्स और अब कोविड-19 का जन्मदाता चमगादड़ों को ही माना गया है. चीन की शी जेंगली इन्हीं चमगादड़ों और इनके खतरनाक वायरसों की एक्सपर्ट हैं. जेंगली उसी वुहान शहर में मौजूद वुहान वॉयरोलॉजी लैब में 15 साल से चमगादड़ों के वायरस पर रिसर्च कर रही हैं.


"SARS जैसे कई वायरस वातावरण में मौजूद"
शी जेंगली ने गंभीर चेतावनी देते हुए कहा, ''हम 15 साल से रिसर्च कर रहे हैं. हमने सार्स जैसे वायरस ढूंढ निकाले. ट्रेसिंग के जरिए हमने वायरसों में जेनेटिक भिन्नता की पहचान की. हम उन्हें सार्स से जुड़े वायरस कहते हैं. इसका मतलब ये सार्स ही नहीं सार्स जैसे वायरस भी मानव जाति के लिए गंभीर खतरा हो सकते हैं.''


2002 में कोविड-19 जैसा SARS वायरस फैला था इसकी शुरूआत भी चीन से हुई थी. लैब में 2004 से ही रिसर्च की जा रही है जिसमें शी जेंगली का बड़ा रोल है. अब जेंगली कह रही हैं कि शोध बढ़ाने की जरूरत है वरना ऐसी महामारियां आती रहेंगी. शेंगली का कहना है कि रिसर्च की वजह से ही कोविड-19 का जल्दी पता लगा.


"अगर स्टडी नहीं हुई तो और भी महामारियां फैलती रहेंगी"
जेंगली ने कहा, ''हमने 2004 से स्टडी शुरू की थी. 15 साल में हमारे पास सामग्री, तकनीक बड़े पैमाने पर मौजूद हैं. हमारे पास प्रतिभाएं हैं. इसी वजह से हमें बीमारी को जल्दी समझने में आसानी हुई.''


शी जेंगली ने आगाह किया कि अगर स्टडी नहीं हुई तो और भी महामारियां फैलती रहेंगी. जेंगली के मुताबिक कुदरत में ऐसे वायरस मौजूद हैं जिन्हें हमें स्वीकार करना होगा. अमेरिका आरोप लगाता रहा है कि वुहान वॉयरोलॉजी लैब से ही वायरस लीक हुआ. लेकिन चीन इससे इंकार करता रहा है.


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