Iran-China Relations: भारत के सबसे अच्छे मित्र देशों में ईरान की गिनती होती रही है. हालांकि बीते कुछ वक्त में ईरान की 'दोस्ती' चीन के साथ बढ़ गई है. इसका सबसे बड़ा सबूत दोनों देशों के बीच व्यापार में साफ देखने को मिल रहा है. HT हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार बन चुका है. चीन ने ईरान से साल 2020 से 2023 दौरान तीन गुना ज्यादा तेल खरीदा है. ये सब एक दिन में संभव नहीं हो पाया.


चीन ही नहीं अरब देशों के साथ भी ईरान ने पिछले कुछ वक्त में रिश्ते मजबूत किए हैं. ईरान ने सऊदी अरब के साथ राजनयिक संबंध फिर से बहाल किए. इसमें चीन ने सबसे बड़ा रोल अदा किया और दोनों मुल्कों के रिश्तों को सुधारने के लिए मध्यस्थता की.


दी गर्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक एक दशक पहले शी जिनपिंग के सत्ता संभालने के बाद से ही चीन ग्लोबल लेवल पर ईरान को सबसे अधिक महत्व दे रहा था. इस वजह से 2021 में दोनों देशों ने 25-वर्षीय रणनीतिक निवेश और ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर किए.


चीन की मदद से ईरान ब्रिक्स समूह और शंघाई सहयोग संगठन में शामिल हो गया है. चीन और ईरान की नजदीकियों को देखते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ईरान के अपने समकक्ष हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सोमवार (14 जनवरी) को ईरान की दो दिवसीय यात्रा पर गए.


चीन की ईरान से दोस्ती
बीते साल अक्टूबर में इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ तब भारत द्वारा इजरायल का समर्थन करना भी ईरान को खटका. इसका फायदा उठाते हुए चीन ने ईरान से अपनी दोस्ती और मजबूत कर ली. हालांकि, भारत सारी स्थिति को भांपते हुए ईरान के साथ अपने रिश्तों को नया आयाम देने की कोशिश में रहेगा. ये भी एक मुख्य वजह है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ईरान का दौरे पर गए हैं.


इस दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि दोनों मंत्री द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे. इसके अलावा जयशंकर और अमीर-अब्दुल्लाहियन के बीच चाबहार बंदरगाह के माध्यम से क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने पर भी विचार-विमर्श करने की संभावना है.


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