(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NSA US Visit: चीन भारत के साथ दुनिया भर के लिए है चुनौती, जानें अमेरिका ने ऐसा क्यों कहा
NSA US Visit: एनएसए डोभाल ने अमेरिका के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले के साथ विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण चर्चा की. भारतीय दूतावास ने उनकी मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं.
US-India Initiative: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अमेरिका के दौरे पर हैं. जहां उन्होंने मंगलवार को व्हाइट हाउस में अपने अमेरिकी जेक सुलिवन से मुलाकात की. इस दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच औपचारिक रूप से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई. जिसमें मुख्य रूप से इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमजिर्ंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) पर चर्चा रही.
इस दौरान जेक सुलिवन ने कहा कि भारत के साथ सामरिक तकनीकी साझेदारी को अमेरिका गति देगा. हम आपसी विश्वास और विश्वास के आधार पर एक खुले, सुलभ और सुरक्षित प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इससे पूर्व एनएसए डोभाल ने अमेरिका के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले के साथ विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण चर्चा की. वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने उनकी मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं.
अमेरिका ने चीन को बताया चुनौती
द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, सुलिवन ने पत्रकारों के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि आईसीईटी (iCET) 'दोनों देशों के गहरे रणनीतिक हितों की सेवा करेगा. वाशिंगटन में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका-भारत रक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संवाद एक बहुस्तरीय दृष्टिकोण है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है.
"NSAs Ajit Doval & Jake Sullivan formally launched US-India Initiative on Critical & Emerging Technologies(iCET)," tweets Indian Embassy in USA
— ANI (@ANI) February 1, 2023
(Pic source: Twitter handle of Indian Embassy US) pic.twitter.com/wtfJDctjR1
बता दें कि पिछले साल टोक्यो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हुई बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में आईसीईटी का जिक्र सामने आया था. बता दें कि आईसीईटी का उद्देश्य दुनिया को ऐसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्रदान करना है, जो तुलनात्मक रूप से काफी सस्ती हों. आईसीईटी के तहत दोनों देशों ने सहयोग के छह क्षेत्रों की पहचान की है. इनमें वैज्ञानिक शोध और विकास, क्वांटम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा खोज, अंतरिक्ष, अत्याधुनिक दूरसंचार और सेमीकंडक्टर को भी शामिल किया गया है.