Nepal-Chinese Foreign Ministers Meeting : नेपाली विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा तीन दिन की चीन यात्रा से लौटीं है. काठमांडू लौटने पर उन्होंने बीआरआई परियोजनाओं को लेकर नेपाल की स्थिति स्पष्ट की. यात्रा पर से लौटने के बाद नेपाली विदेश मंत्री ने शनिवार 30 नवंबर (शनिवार) को कहा कि नेपाल चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत परियोजनाओं के लिए कर्ज लेने की स्थिति में नहीं है. इसके बजाए नेपाल ग्रांट पर निर्भर रहेगा और सभी हितधारकों के बीच आपसी सहमति के आधार पर आगे बढ़ेगा. नेपाली विदेश मंत्री ने अपनी तीन दिवसीय चीन यात्रा का उद्देश्य नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की दो दिसंबर से होने वाली बीजिंग की आधिकारिक यात्रा की तैयारी को बताया.


2017 में नेपाल ने BRI समझौते पर किए थे हस्ताक्षर


बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने कहा कि नेपाल ने साल 2017 में BRI रूपरेखा समझौता पर हस्ताक्षर किए थे. लेकिन इसे जमीन पर उतारने की तरीकों को लेकर चर्चाएं अभी भी जारी है. बीआरआई के तहत परियोजनाएं चीन और नेपाल के सभी हितधारकों के बीच समझौतों और आपसी समझ के आधार पर ही आगे बढ़ेंगी। एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल वर्तमान में BRI के तहत ऋण लेने की स्थिति में नहीं है। हमने चीनी पक्ष से वार्ता के दौरान इस स्थिति को स्पष्ट कर दिया है.


नेपाल ने BRI को लेकर स्थिति स्पष्ट की


नेपाली विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल का सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने लोन के बजाए ग्रांट के आधार पर पहले ही BRI परियोजनाओं को लागू करने का फैसला किया है. चीन में भी हमारी चर्चा परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की ओर घूमती रही. उल्लेखनीय है कि श्रीलंका भी चीन की BRI प्रोजेक्ट की एक हिस्सेदार है, लेकिन उसकी अपनी अलग कई चिंताएं है. जिनमें श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को चीन के 99 साल के पट्टे पर हासिल करने के बाद BRI को लेकर उसकी चिंताएं बढ़ गई है.


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