China Desert Rail: चीन ने रेगिस्तान में एक ऐसी रेलवे लाइन का निर्माण किया है जो दुनिया को हैरत में डाल देने वाली है. रेगिस्तान में बनी चीन की यह लाइन हॉटन से रुओकियांग के बीच 825 किमी लंबी है. दुनिया की यह पहली रेगिस्तानी लूप लाइन भी है, जिसे दो साल पहले साल 2022 में शुरू किया गया. ये रेगिस्तानी लाइन नई लाइन गोलमुड-कोरला और दक्षिणी झिंजियांग रेल लाइनों को जोड़ती है. यह दुनिया के सबसे बड़े शिफ्टिंग रेत रेगिस्तान तक्लामाकन में बनी है.
चीन की इस रेगिस्तानी लाइन पर ट्रेन में यात्रा के दौरान दोनों तरफ रेत के विशाल टीले नजर आते हैं, जो हवा के साथ इधर-उधर शिफ्ट होते रहते हैं. ये टीले निया खंडहर, प्राचीन शहर एंडिल और दूसरे सांस्कृतिक स्थल मार्ग के किनारे नजर आते हैं. इस रेलवे लाइन पर अभी 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ रही हैं. यात्री शिनजियांग के हॉटन शहर से रुओकियांग जिले तक का सफर तय कर रहे हैं. यह सिंगल पटरी वाली रेलवे लाइन है. यह रेल लाइन ऐसे कई शहरों को जोड़ती है, जहां पर परिवहन बहुत मुश्किल था.
निर्जन क्षेत्र में तीन साल मजदूरों ने किया काम
हॉटन-रुओकियांग रेल लाइन का निर्माण करना इतना आसान नहीं था. कामगारों ने रेत के टीलों, रेतीले तूफान, अत्यधिक गर्मी और जमा देने वाले तापमान का सामना करते हुए 460 किलोमीटर निर्जन क्षेत्र में काम किया. इन इलाकों में आज भी पानी, बिजली और सेलफोन नेटवर्क नहीं है. मजदूरों ने तीन साल लगातार मेहनत करके इस चीनी इजीनियरिंग को जमीन पर उतारा है. यह रेल लाइन इंजीनियरिंग का शानदार नमूना तो है ही लेकिन उससे ज्यादा यह उपयोगी है. यह रेल लाइन चीन के लिए पिछले दो सालों में काफी फायदेमंद साबित हुई है.
आठ मालगाड़ियों से ढोया जा रहा सामान
चीन के इस क्षेत्र में रेगिस्तान होने की वजह से परिवहन करना बहुत कठिन था. स्थानीय लोगों को शिनजियांग से बाहर जाने के लिए तियानशान पर्वत पार करना पड़ता था. इस क्षेत्र में कपास और खजूर भारी मात्रा में पैदा होता है, जो खराब परिवहन की वजह से बाहर नहीं जा पाता था. इस रेल लाइन के निर्माण के बाद हर दिन आठ मालगाड़ियां शिनजियांग से कपास, अखरोट, लाल खजूर और खनिजों को लेकर चीन के बड़े शहरों तक पहुंचाती हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि इस रेल नेटवर्क ने रेगिस्तान में जीवन ला दिया है.
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