China Covid-19 Outbreak: चीन में लगातार कोरोना के मामले में बढ़ौतरी देखने को मिल रही है. यहां हालात काफी ख़राब है. हाल ही में हांगकांग ने चीन के कोरोना के हालातों पर एक अध्ययन किया है. इसमें ये कहा गया है कि कोविड-19 चीन में लगभग 10 लाख (1 मिलियन) लोगों की मौत का कारण बन सकता है. चीन सरकार लगातार कोरोना नियमों पर ढील दे रही है. एक हफ्ते पहले ही चीन में जीरो कोविड पॉलिसी में छूट दी गई थी. 


विशेषज्ञों के मुताबिक चीनी सरकार बिना किसी बूस्टर डोज के कोविड नियमों में ढील दे रही है. इससे करीब हर 10 लाख लोगों में 684 की कोरोना से मौत हो सकती है. शोध सार्वजनिक रूप से अभी सामने नहीं आया है लेकिन ब्लूमबर्ग की गणना के आधार पर, इसके परिणामस्वरूप चीन में लगभग 964,400 मौतें होंगी, जिसकी आबादी 1.41 बिलियन है. 


रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने लिखा, 'हमारे परिणाम बताते हैं कि दिसंबर 2022-जनवरी 2023 तक कोरोना नियमों में ढील से मामले और बढ़ेंगे और यह इतने होंगे कि सभी जगह के अस्पतालों के लिए मामलों को संभालना काफी मुश्किल हो जाएगा। 


नए वेरिएंट का खतरा


रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि चीन की संक्रमण दर में बढ़ौतरी के कारण नए वेरिएंट का भी खतरा बढ़ गया है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो नया वेरिएंट सामने आ सकता है.


कोविड के लिए जिम्मेदार कोरोनावायरस SARS-CoV-2 है. चीन ने जबसे एसिम्टोमैटिक मामलों की संख्या का खुलासा करना बंद करने के बाद, चीन की आर दर की गणना करना संभव नहीं रह गया है. चीन में बीमारी काफी तेजी से फैल रही है. 


चीन के लोगों के पास जानकारी नहीं


जब से चीन सरकार ने कोरोना मामलों की संख्या की घोषणा बंद की है तब से वहां के लोग परेशान हैं. उनको कोई भी जानकारी नहीं मिल पा रही है. सोशल मीडिया के जरिये वे कुछ जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे है. सोशल मीडिया पर 'बुखार' कीवर्ड लिखकर कोरोना केस की जानकारी पाने की कोशिश कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार बीजिंग, बाओडिंग और शिजियाझुआंग के विभिन्न क्षेत्रों में संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. 


जमकर हुआ था जीरो कोविड पॉलिसी पर विरोध


कोरोना संक्रमण रोकने के लिए चीन सरकार ने जीरो कोविड पॉलिसी लागू की थी लेकिन चीन में इसके ऊपर जमकर प्रदर्शन किया गया था. सरकार को भी लोगों के सामने झुकना पड़ा था और दो सालों के बाद इस पॉलिसी को अभी कुछ दिन पहले ही देश से हटाया गया है. 


चीन के लोग काफी ज्यादा डरे हुए हैं. दवाई की दुकानों पर काफी लंबी कतारे लगी हुई हैं. दवाई की कमी के कारण उनके दाम आसमान छू रहे हैं. बढ़ते मामलों के चक्कर में लोगों को आईसीयू बेड भी नहीं मिल रहे हैं. 


ये पढ़े : Nasa Satellite: धरती के 90 फीसदी पानी को 'मापेगी' नासा की ये सैटेलाइट, बाढ़-सूखे की मिलेगी सटीक जानकारी