China Defence Updates : देखते रह गए सभी देश, चीन ने चुपके से कर दिया अपनी सेना में बदलाव
China Defence Updates : एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस स्पेशल सैन्य यूनिट की घोषणा की.
China Defence Updates : अपनी सैन्य शक्ति और बढ़ाने के लिए चीन ने अपनी सेना में करीब एक दशक बाद बड़ा बदलाव किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक नई सैन्य यूनिट बनाने की चीन ने मंजूरी दी है, जिसका नाम 'इन्फॉरमेशन सपोर्ट फोर्स' रखा गया है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, इस नई सैन्य यूनिट को इन्फॉरमेशन सपोर्ट फोर्स का नाम दिया गया है. एक कार्यक्रम के दौरान इस स्पेशल सैन्य यूनिट की घोषणा की गई थी. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ केंद्रीय सैन्य आयोग के कई वरिष्ठ अफसर भी शामिल थे. बता दें कि शी जिनपिंग केंद्रीय सैन्य आयोग के चेयरमैन भी हैं.
रिपोर्ट में कहा, जिनपिंग ने ही कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों से कहा था कि यह स्पेशल यूनिट सेना की एक इकाई होगी, जिसका काम नेटवर्क इन्फॉरमेशन सिस्टम को मजबूत करना होगा. उन्होंने कहा, ऐसे सिद्धांत और प्रणाली को लागू करें, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि यह यूनिट विश्वसनीय है या नहीं. मीडिया में ये भी खबर है कि लेफ्टिनेंट जनरल बीयी को नई यूनिट का कमांडर बनाया गया है. इससे पहले वह स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स के डिप्टी कमांडर थे. शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, जब सेना में पिछली बार बड़ा सुधार हुआ था तो 31 दिसंबर 2015 को बनी स्ट्रैटजिक सपोर्ट फोर्स को भंग कर दिया गया था. अब यह नई यूनिट बना दी गई है.
चीनी रक्षा मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस
चीनी रक्षा मंत्रालय ने इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि अब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पास 4 सर्विसेज हैं, जिसमें सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट फोर्स शामिल हैं. उन्होंने बताया कि चार सर्विसेज के अलावा पीएलए के पास 4 आर्म्स भी हैं, जिसमें एयरोस्पेस फोर्स, साबइरस्पेस फोर्स, इन्फॉरमेशन सपोर्ट फोर्स और जॉइंट लॉजिस्टिक सपोर्ट फोर्स हैं. एयरोस्पेस फोर्स की मदद से चीन अंतरिक्ष में खुद को मजबूत करेगा, जबकि साइबर स्पेस फोर्स देश को साइबर हमलों से बचाएगी और डाटा की सुरक्षा करने में मदद करेगी. हालांकि उन्होंने नई यूनिट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी.
सेना के अख़बार पीएलए डेली ने कहा कि आधुनिक युद्ध में जीत सूचना पर निर्भर करती है, ऐसी स्थिति में जिसके पास बेहतर जानकारी होगी वह युद्ध में बढ़त हासिल करेगा. बता दें कि लगातार चीन हथियार खरीद पर भी अपना बजट बढ़ा रहा है। इससे पहले भी एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया कि एक दशक में पूर्वी एशिया में सबसे बड़ा रक्षा खर्च किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति को देखते हुए उसके पड़ोसी जापान और ताइवान ने अपने सैन्य बजट में बढ़ोतरी की है.