पाकिस्तान के अंदर पहली बार घुसी चीन की तीन सुरक्षा एजेंसी, क्या कब्जा करने वाला है ड्रैगन? दुनियाभर में उठ रहे सवाल
चीन ने पहली बार पाकिस्तान में अपनी निजी सुरक्षा एजेंसियों को CPEC परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया है. चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चीन ने यह कदम उठाया है.

China-Pakistan Relations: चीन ने अपनी निजी सुरक्षा एजेंसियों को पहली बार पाकिस्तान में तैनात किया है. यह कदम पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की परियोजनाओं में शामिल चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है. पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमलों के बीच चीन ने यह निर्णय लिया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपनी तीन प्रमुख निजी सुरक्षा कंपनियों - डेवे सिक्योरिटी फ्रंटियर सर्विस ग्रुप, चाइना ओवरसीज सिक्योरिटी ग्रुप, और हुआक्सिन झोंगशान सिक्योरिटी सर्विस - को पाकिस्तान में सुरक्षा प्रदान करने के लिए नियुक्त किया है. पहले चरण में सिंध प्रांत की दो CPEC बिजली परियोजनाओं में 60 चीनी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है. इन सुरक्षा कर्मियों का काम चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान सेना की निगरानी में काम करना होगा.
चीनी सुरक्षा बलों की तैनाती
सिंध प्रांत के थार कोल ब्लॉक में दो बिजली परियोजनाओं में लगभग 6,500 चीनी नागरिक काम कर रहे हैं. यहां चीनी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है ताकि चीनी नागरिकों का बाहरी लोगों से कम संपर्क हो और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
चीन ने बनाया पाकिस्तान पर दबाव
चीन ने पहले पाकिस्तान पर अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की तैनाती का दबाव बनाया था, जिसे पाकिस्तान ने पहले खारिज कर दिया था. हालांकि, चीनी दबाव के बाद पाकिस्तान ने अंततः संयुक्त सुरक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर किए और इसके तहत चीनी निजी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया.
बलूच आतंकियों का हमला और बढ़ते सुरक्षा खर्च
पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे विद्रोही गुटों द्वारा चीनी नागरिकों पर हालिया हमले भी इस निर्णय का मुख्य कारण बने हैं. सबसे ताज़ा हमला 6 अक्टूबर, 2024 को हुआ था, जिसमें एक आत्मघाती बम धमाके में दो चीनी नागरिक मारे गए थे. इसके चलते, पाकिस्तान ने CPEC परियोजनाओं पर सुरक्षा खर्च में वृद्धि की है. हाल ही में, पाकिस्तान ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए 90 बिलियन रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की है. वर्तमान में लगभग 30,000 चीनी नागरिक पाकिस्तान में विभिन्न CPEC परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर बलूचिस्तान और ग्वादर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात हैं.
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