![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
एक्सपर्ट का दावा- यथास्थिति बनाए रखने के भारत के दीर्घकालिक प्रयासों का सम्मान नहीं करता चीन
कार्नेजी एंडावमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस' में सीनियर फेलो एशले टेलिस ने कहा कि चीन ने हिमालयी सीमा क्षेत्र के नए हिस्सों में अपना कब्जा करने की कोशिश की.
![एक्सपर्ट का दावा- यथास्थिति बनाए रखने के भारत के दीर्घकालिक प्रयासों का सम्मान नहीं करता चीन China does not respect India long term efforts to maintain status quo एक्सपर्ट का दावा- यथास्थिति बनाए रखने के भारत के दीर्घकालिक प्रयासों का सम्मान नहीं करता चीन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/06014921/India-china-Flag.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वाशिंगटन: दक्षिण एशिया के मामलों पर नजर रखने वाले एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत और चीन की सीमा पर वर्तमान में जो हालात हैं, वह बताते हैं कि भारत के अपनी सीमाओं पर यथास्थिति बनाए रखने के दीर्घकालिक प्रयासों का चीन सम्मान नहीं करता है.
'चीन ने भारत को विचार करने पर मजबूर किया'
'कार्नेजी एंडावमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस' में सीनियर फेलो एशले टेलिस ने कहा कि अपनी निर्ल्लज हरकतों से बीजिंग ने नई दिल्ली को मजबूर किया है कि वह बाकी के एशिया के साथ मिलकर यह विचार करे कि चीन की 'फूट डालो और राज करो रणनीति' में आए नए बदलाव से किस तरह निपटना होगा. उन्होंने कहा, "भारत-चीन सीमा पर वर्तमान में बने हालात बताते है कि दोनों देशों की विवादित सीमाओं पर यथास्थिति कायम रखने के भारत के दीर्घकालिक प्रयासों का चीन सम्मान नहीं करता."
'हिमालयी सीमा क्षेत्र कब्जा जमाने की कोशिश'
टेलिस ने अपने हालिया रिसर्च पेपर में कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारत की आंतरिक गतिविधियों को उकसावे वाला बताते हुए उसने हिमालयी सीमा क्षेत्र के नए हिस्सों में अपना कब्जा करने की कोशिश की. ऐसे में अगर वर्तमान में जारी बातचीत के कोई खास परिणाम नहीं निकलते हैं तो भारत के सामने दो मुश्किल विकल्प ही रहेंगे-या तो अपने नुकसान को कम से कम करने की कोशिश करे या फिर बल का इस्तेमाल करे.
'चीन की ताकत बढ़ी'
उन्होंने कहा, "ऐसा करके, उसने भारत को बाकी के एशिया के साथ मिलकर यह विचार करने पर मजबूर किया है कि चीन की 'फूट डालो, राज करो' की चाल में आए बदलाव से कैसे निपटा जाए, जो यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि चीन की ताकत बढ़ रही है."
'चीन में उच्च स्तर पर हुआ सोच-विचार'
टेलिस ने कहा कि पहले की तरह इस बार यह टकराव भौगोलिक रूप से स्थानीय और असतत नहीं था, बल्कि हाल में जम्मू-कश्मीर के पूर्वी क्षेत्र में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जो आमना-सामना हुआ है वह कई स्थानों पर हुआ है, जो यह दिखाता है कि इस बारे में चीन में उच्च स्तर पर सोच-विचार हुआ और शीर्ष स्तर से ही सैन्य गतिविधियों को मंजूरी भी मिली.
'बड़े टकराव की आशंका'
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि चीन भारत के दावे वाले क्षेत्रों में तब तक कब्जा जमाकर रख सकता है जब तक कि चीन के सैनिकों को भारत वहां से बलपूर्वक निकाल नहीं देता या फिर चीन के प्रति जैसे को तैसा रूख अपनाकर विवादित क्षेत्र में उन अन्य स्थानों पर कब्जा नहीं जमाता जहां पर वह रणनीतिक फायदे की स्थिति में है." उन्होंने माना कि इससे बड़े टकराव की आशंका पैदा होगी.
ये भी पढ़ें
Ladakh standoff: भारत-चीन के बीच कुछ देर बाद LAC पर होगी बात, समझिए पूरे विवाद की जड़ कोरोना का कहर: दुनियाभर में 68 लाख लोग संक्रमित हुए, अबतक करीब 4 लाख लोग मरेट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![तहसीन मुनव्वर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/3df5f6b9316f4a37494706ae39b559a4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)