China Foreign Minister Signed MOU: बांग्लादेश (Bangladesh) में भी श्रीलंका (Sri lanka) जैसे हालात बन रहे हैं. शेख हसीना सरकार को  विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से 2 अरब डॉलर मांगने पड़ रहे हैं. वहीं साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रो कोष( IMF) से भी बांग्लादेश 4.5 अरब डॉलर की सहायता मांग रहा है.  सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमत रिकॉर्ड 51.17 रेट भी बढ़ा दिए हैं. इसी बीच चीन के विदेश वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) ने बांग्लादेश का दौरा किया है. उन्होंने अपने समकक्ष विदेश मंत्री एके अब्दुल (A. K. Abdul Momen) के साथ चार अहम समझौते( एमओयू) पर साइन किए हैं. बांग्लादेश और चीन ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने को लेकर आपदा प्रबंधन, सांस्कृतिक, समुद्री विज्ञान को लेकर समझौता किया है. साथ ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी बांग्लादेश के पीएम हसीना शेख से भी मिले.


चीन के विदेश मंत्री का वांग यी का दौरा बांग्लादेश  के आर्थिक संकट से गुजरने के बीच हुआ है. पड़ोसी देश श्रीलंका में भी आर्थिक संकट है. चीन का नाम आया था कि उसने श्रीलंका को अपने कर्ज के जाल में फंसाया था. पाकिस्तान को भी चीन ने काफी पैसे दिए हुए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा कि चीन का अगला टारगेट क्या बांग्लादेश है? क्या चीन बांग्लादेश को भी कर्ज देकर फंसा लेगा? 


पाकिस्तान, श्रीलंका के बाद क्या बांग्लादेश चीन का अगला टारगेट? 


पाकिस्तान के इकोनॉमिक सर्वे मार्च की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार चीन का पाकिस्तान पर 14.5 अरब डॉलर का कर्ज है. चीन पाकिस्तान- चीन आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) योजना पर पैसा लगा रहा है. सीपीईसी योजना में चीन काफी निवेश कर रहा है.  यह आर्थिक गलियारा अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन वाले विवादित इलाको से होकर गुजरता है.  पाक-चीन आर्थिक गलियारा चीन का ड्रीम प्रोजक्ट है. जिसको वो विभिन्न देशों में बढ़ाने की कोशिश भी कर रहा श्रीलंका के आर्थिक संकट में फंसाने को लेकर भी चीन पर हाल के दिनों आरोप लगे. पश्चिमी देश चीन के बारे में कहते कि वो गरीब देशों को पैसे देकर वहां अपना विस्तार करता है. बता दें कि श्रीलंका ने हंबनटोटा में बने बंदरगाह बनाने के लिए चीन से पैसे लिए थे.  साल 2017 तक श्रीलंका पर  इतना कर्ज बढ़ गया कि उसे हंबनटोटा चीन को 99 साल की लीज पर देना पड़ा. 


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