'आधा रास्ता तुम चलो, आधा हम चलें', भारत संग रिश्तों पर बोले चीनी विदेश मंत्री तो विक्रम मिस्री ने दिया ये जवाब
India-China Relations: चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मुलाकात की. इस दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे का परस्पर समर्थन और समझ को बढ़ावा देने पर जोर दिया.
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Indian Foreign Secretary in China: चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की केंद्रीय समिति के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार (27 जनवरी, 2025) को बीजिंग में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री (चीनी नाम तांग योंगशेग) से मुलाकात की. भारतीय विदेश सचिव से मुलाकात के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, “पिछले साल कजान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते किए गए थे. जिन्हें गंभीरता के साथ लागू किया गया है.”
उन्होंने कहा, “दोनों देशों के बीच इन महत्वपूर्ण समझौतों को लेकर विभिन्न स्तरों पर सक्रिय संवाद स्थापित किए गए. जिनसे चीन और भारत के संबंधों में सुधार की प्रक्रिया को तेज किया जा सके.” चीनी विदेश मंत्री ने आगे कहा, “दोनों देशों को इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए. दोनों को एक-दूसरे के साथ आधे-आधे रास्ते पर आगे बढ़कर ज्यादा से ज्यादा ठोस कदमों की तलाश करनी चाहिए. जिससे दोनों देशों के बीच आपसी समझ, बेहतर समर्थन और सफलता को बढ़ाया जा सके न कि एक-दूसरे के प्रति संदेह, अलगाव और संघर्ष को बढ़ावा दिया जाए.”
भारत-चीन संबंधों पर क्या बोले वांग यी?
उन्होंने कहा, “चीन और भारत के संबंधों में सुधार और विकास दोनों देशों और उनके लोगों के बुनियादी हितों के अनुरूप है. वहीं, यह कदम ग्लोबल साउथ देशों के बीच वास्तविक अधिकारों और हितों की रक्षा करने में भी मदद करेगा. इसके अलावा एशिया और दुनिया की दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा.”
भारतीय विदेश सचिव ने क्या कहा?
वहीं, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री (तांग योंगशेंग) ने कहा, “भारत और चीन ने कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच किए गए समझौतों के अनुसार कई महत्वपूर्ण संवाद स्थापित किए हैं. जिनसे दोनों देशों ने आपसी मतभेदों का सही तरीके से प्रबंधन किया और उसका समाधान किया है. इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग की फिर से शुरुआत की है.” उन्होंने आगे कहा, “भारत चीन के साथ अपनी राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए तैयार है और SCO के अध्यक्ष के रूप में चीन के काम का पूरा समर्थन भी करेगा.”
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