बीजिंग: यूक्रेन में नागरिकों की हुई हत्याओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की रूस की सदस्यता निलंबित करने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने के एक दिन बाद चीन ने शुक्रवार को अपने ‘वोट’ का बचाव करते हुए कहा कि आनन-फानन में उठाया गया इस तरह का कदम एक ‘खतरनाक उदाहरण’ स्थापित करेगा.


उल्लेखनीय है कि 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए रूस को यूएनएचआरसी से निलंबित करने के सिलसिले में अमेरिका द्वारा लाए गए एक मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए मतदान किया. यह प्रस्ताव, यूक्रेन की राजधानी कीव के नजदीकी शहरों से लौट रहे रूसी सैनिकों द्वारा नागरिकों की हत्या करने के आरोपों को लेकर लाया गया था. वहीं मॉस्को ने इन आरोपों से इनकार किया है.


प्रस्ताव के पक्ष में 93, विपक्ष में 24 मत पड़े और महासभा के 58 सदस्य देश मतदान से अनुपस्थित रहें. भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. चीन का मित्र देश पाकिस्तान भी मतदान से अनुपस्थित रहा.


'संघर्ष को घटाने में मदद नहीं करेगा'
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘‘यह आग में घी डालने जैसा है, जो संघर्ष को घटाने में मदद नहीं करेगा. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘संबद्ध प्रस्ताव रूस को यूएनएचआरसी की उसकी सदस्यता से वंचित कर देगा और एक खतरनाक उदाहरण स्थापित करेगा.’’


उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के किसी भी स्थायी सदस्य देश की सदस्यता इस वैश्विक संस्था की किसी भी इकाई से कभी भी निरस्त नहीं की गई है. मॉस्को का करीबी होने के नाते चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की है.


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