Chinese Spy: चीन ने तैयार किया जासूसों का एक ग्लोबल नेटवर्क, दुनियाभर के देशों में चलाता है यह खतरनाक अभियान
Global Network of Chinese Spies: चीन कम्युनिस्ट पार्टी दुनियाभर में एक खतरनाक अभियान चला रही है. यह अभियान अन्य देशों में कानून व्यवस्था के शासन के लिए एक दीर्घकालिक खतरा बन गया है.
Global Network of Chinese Spies: चीन (China) ने जासूसों (Spies) का एक वैश्विक नेटवर्क (Global Network) बनाया है जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आलोचकों और असंतुष्टों को चुप कराने का काम करता है. कई रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है. अमेरिका स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन (Non-Profit Organization) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में 2014 और 2021 के बीच "अंतरराष्ट्रीय दमन" की 735 घटनाओं को रिकॉर्ड किया. फ्रीडम हाउस (Freedom House) के अनुसार, चीन दुनिया में अंतरराष्ट्रीय दमन का सबसे परिष्कृत, वैश्विक और व्यापक अभियान चलाता है.
रिपोर्ट में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) द्वारा चीनी और देश के अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों की विदेशी आबादी पर दबाव बनाने और नियंत्रित करने की कोशिशों को तीन विशेषताओं से चिह्नित किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक "यह अभियान कई समूहों को टारगेट करता है, जिसमें कई जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक, राजनीतिक असंतुष्ट, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार आदि शामिल हैं. दूसरा यह प्रत्यक्ष हमले से लेकर साइबर हमले तक हर तरह की रणनीति अपनाता है. तीसरा यह व्यापक है और वैश्विक स्तर पर चल रहा है.
कई देशों में पड़ता है चीनी अभियान का असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की बढ़ती ताकत के कारण, उसके अभियान का दर्जनों देशों में निर्वासित चीनी आबादी और चीन के अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और स्वतंत्रता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा, सीसीपी द्वारा अंतरराष्ट्रीय दमन का उपयोग अन्य देशों में कानून व्यवस्था के शासन के लिए एक दीर्घकालिक खतरा बन गया है.
इसका कारण यह है कि बीजिंग का प्रभाव इतना शक्तिशाली है कि वह न केवल एक व्यक्तिगत मामले में कानून के शासन का उल्लंघन कर सकता है, बल्कि अपने हितों के लिए कानूनी व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को भी बदल सकता है.
चीन का घरेलू सुरक्षा और सैन्य तंत्र अभियान में लगा है
चीनी एजेंटों द्वारा प्रत्यक्ष अंतरराष्ट्रीय दमन के सबसे कठोर रूप-जासूसी, साइबर हमले, धमकी, और शारीरिक हमले-मुख्य रूप से सीसीपी की घरेलू सुरक्षा और सैन्य तंत्र से निकलते हैं. इनमें राज्य सुरक्षा मंत्रालय (एमएसएस), सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय जैसी एजेंसियां (एमपीएस), और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) शामिल हैं. हालांकि इन संस्थाओं के बीच श्रम का सटीक विभाजन अक्सर स्पष्ट नहीं होता है.
वहीं अंतरराष्ट्रीय दमन के अन्य रूप जिनमें विदेशी देशों की कानूनी और राजनीतिक प्रणालियों के माध्यम से काम करना शामिल (Foreign Countries) है, विदेश मंत्रालय (Ministry of Foreign Affairs) जैसी एजेंसियों के माध्यम से चलते हैं.
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