बीजिंग: चीन ने फिर संकेत दिए हैं कि वह पाकितस्तान में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख और पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रयास में रुकावट बनेगा. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन, अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की कोशिश में लगे हैं. चीन ने सोमवार को फिर दोहराया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों में इसे लेकर कोई सर्वसम्मति नहीं है.


अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी के तौर पर शामिल करने के प्रस्ताव पर अपनी तकनीकी रोक को चीन ने अगस्त में तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था. इससे पहले उसने इस साल फरवरी में संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव पर रोक लगाई थी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया को बताया, ‘‘ हमने इस मंच से अपना रुख कई बार स्पष्ट किया है. ’’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के संबद्ध प्रस्तावों में नियम 1267 समिति के आदेश के अनुरूप एकदम साफ हैं. जब संबद्ध संगठनों और व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने की बात आती है तो उसे लेकर भी नियम स्पष्ट हैं. ’’


चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया कि गुरुवार को जब यूएनएससी की 1267 समिति इस मुद्दे को उठाएगी तो क्या चीन अजहर पर बैन को फिर से बाधित करेगा. इस पर हुआ ने कहा , ‘‘ संबद्ध देश की ओर से सूचीबद्ध करने के आवेदन करने को लेकर यहां असहमति हैं.’’ सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन के पास वीटो का अधिकार है और वह परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी पर प्रतिबंध के भारत के प्रयास को बार-बार बाधित कर रहा है.


पिछले साल मार्च महीने में 15 सदस्यीय देशों की संयुक्त राष्ट्र संस्था का चीन इकलौता ऐसा सदस्य था जिसने भारत के आवेदन पर रोक लगाई थी. जबकि परिषद के बाकी के 14 सदस्यों ने मसूद अजहर को 1267 प्रतिबंधों की सूची में शामिल करने के भारत के प्रयासों का समर्थन किया था. ऐसा होने पर उसकी संपत्तियां कुर्क हो सकती थीं और उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाया जा सकता था. चीन, पाकिस्तान का खास दोस्त है और एनएसजी (परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह) का सदस्य बनने के उसके प्रयास को समर्थन दे रहा है.