India-China Dispute: चीन अक्सर भारत का विरोधी रहा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की भी चीन आलोचना करता रहा है. भारत सरकार की आलोचना के लिए शी जिनपिंग की सरकार मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स का सहारा लेती है. हालांकि इस बार ग्लोबल टाइम्स में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की सरकार की तारीफ की गई है.


ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में कहा गया है कि भारत सरकार औपनिवेशिक काल की सभी निशानियों को मिटा रहा है. अखबार ने लिखा है कि भारत चाहता है कि वो विकास करे.


ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है कि भारत का नया संसद भवन यह एक महान प्रतीक बनेगा. इसमें मोर, कमल का फूल और बरगद के पेड़ जैसे राष्ट्रीय प्रतीक शामिल हैं. हाल के वर्षों में, मोदी सरकार ने उभरते हुए भारत की छवि पेश करने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं. भारत की यह छवि विऔपनिवेशीकरण को बढ़ावा और स्वतंत्रता पर जोर देती है. 


चीन की मोदी सरकार की तारीफ के पीछे क्या वजह हो सकती है


पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत की छवि तेजी से विश्व पटल पर एक विकसित देश की तरह उभर रही है. दुनियाभर में भारत एक ताकतवर देश की तरह देखा जाता है. भारत ने अमेरिका और रूस जैसे महाशक्तियों के साथ अपने संबंध बेहतर किए हैं. चीन की कोई भी चाल भारत के विश्व स्तर पर बनते मजबूत छवि को नुकसान नहीं पहुंचा पाया है. यही एक बड़ी वजह है कि ड्रैगन बैकफुट पर है. बता दें कि नरेंद्र मोदी ने बीते 28 मई को देश की नई संसद भवन का उद्घाटन किया था. 


चीन में लोग भारत को बड़ा खतरा मानते हैं.


इसी बीच ये बात भी सामने आई है कि चीन में लोग भारत को बड़ा खतरा मानते हैं. इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है.  शिंघुआ यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि करीब 92 प्रतिशत लोग भारत से खतरा महसूस करते हैं. वहीं अब केवल 8 प्रतिशत लोग ही भारत को अपना दोस्त मानते हैं. 


ऐसा ही सर्वे शिंघुआ यूनिवर्सिटी ने जब साल 2020 में किया था तो उस वक्त आंकड़े अलग थे.  26.4 प्रतिशत चीनी साल 2020 में भारत को अच्छा पड़ोसी और दोस्त मानते थे जबकि 73.6 प्रतिशत लोग भारत को थ्रेट और खतरा मानते थे.