बीजिंग: चीन अपने ‘सदाबहार’ मित्र पाकिस्तान के लिए एक ‘बेहद एडवांस’ युद्धपोत बना रहा है. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर में ‘शक्ति संतुलन’ सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच एक बड़ा द्विपक्षीय हथियार समझौता हुआ था और पाकिस्तान ने इस तरह के चार अत्याधुनिक युद्धपोत चीन से खरीदने की घोषणा की थी. मौजूदा पोत इन्हीं में से एक है.
चीन के अखबार 'चाइना डेली' ने चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन (सीएसएससी) के हवाले से लिखा है कि यह युद्धपोत आधुनिक खोजी और हथियार प्रणाली से लैस होगा. यह पोत रोधी, पनडुब्बी रोधी और वायु रक्षा अभियान में बेहद ताकतवर होगा. यह निर्माणाधीन पोत चीनी नौसेना के अत्याधुनिक गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट का संस्करण है. हालांकि, सीएसएससी ने पोत के प्रकार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. इस पोत का निर्माण शंघाई स्थित हुदोंग-झोंगहुआ पोत कारखाने में हो रहा है.
चीन को इस्लामाबाद का ‘सदाबहार मित्र’ कहा जाता है और वह पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है. दोनों देश संयुक्त रूप से जेएफ-थंडर का निर्माण भी कर रहे हैं. यह एकल इंजन वाला लड़ाकू विमान है.
अमेरिका ने पाक पर लगाए गंभीर आरोप
अभी हाल ही अमेरिकी मीडिया ने पाकिस्तान पर बेहद गंभीर आरोप लगाए थे. अमेरिका के इस पूर्व सहयोगी पर लगाए गए आरोप में अमेरिकी मीडिया ने कहा था कि चीन इस देश में फाइटर प्लेन के निर्माण की योजना बना रहा है. इस पर अपना बचाव करते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान में चीन का निवेश पूरी तरह से आर्थिक है और इसका किसी सैन्य गतिविधि से कोई लेना देना नहीं है. ये बयान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने दिया है.
मोहम्मद फैसल ने मीडिया को दिए गए एक बयान में ये बातें कहीं. उनसे अमेरिकी मीडिया में उठाए गए इस सावल का जवाब मांगा गया जिसमें ये आरोप लगाया गया था कि पाकिस्तान में चीन ने फाइटर प्लेन बनाने की योजना बना रखी है. सीपेक के तहत होने वाली 60 बिलियन डॉलर के चीनी निवेश के तहत देश में अन्य सैन्य हार्डवेयर के बनाए जाने की बात भी अमेरिकी मीडिया ने कही थी. फैसल ने इन आरोपों को नकार दिया है.
अमेरिकी मीडिया द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पाकिस्तान और चीन दोनों मिलकर पाकिस्तान में फाइटर प्लेन निर्माण पर अंतिम मुहर लगाने वाले हैं. चीन ने पिछले हफ्ते ही इन ख़बरों का खंडन कर दिया था. पाकिस्तानी मीडिया द डॉन की एक रिपोर्ट में फैसल के हवाले से कहा गया कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) पूरी तरह से एक आर्थिक परियोजना है.
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