China News: कोविड लॉकडाउन और कोरोना का ताजे प्रकोप को लेकर देशभर में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध के मद्देनजर चीन ने ऑनलाइन टिप्पणियों और लाइक्स की सेंसरशिप पर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. यह जानकारी इंडो-पेसिफिक सेंटर में हनोई आधारिक एक पत्रकार थू डाओ ने दी है.
थू डाओ ने तुओई ट्रे में विदेशी मामलों की न्यूजडेस्क में एक कंटेंट मैनेजर और रणनीतिकार के रूप में काम किया है. उन्होंने कहा कि नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, चीन में किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट पर 'लाइक' को भी एक तरह की टिप्पणी माना जाएगा. इस सेंसरशिप का विचार यह है कि किसी और की पोस्ट या टिप्पणी के लिए प्रशंसा भी किसी को जवाबदेह ठहराने और उस व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त कारण होगी. हाल में चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सरकार विरोधी विचारों के मंच के रूप में पाए गए थे. इसके बाद न केवल भौतिक क्षेत्र में, बल्कि इंटरनेट पर भी भारी कार्रवाई की गई थी.
कमेंट्स करने पर हुई लोगों की गिरफ्तारी!
थू डाओ ने कहा कि फायरवॉल और सेंसरशिप ने चीनी प्रतिष्ठानों पर खराब असर डालने वाले विचारों के प्रसार को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी. उद्देश्य निश्चित रूप से किसी भी सरकार विरोधी स्टोरी को फैलने से रोकने का था, जो चीन की प्रतिष्ठा के लिए बुरा हो सकता था.
IPCSC की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरों के सोशल मीडिया पोस्ट पर टिप्पणी करने के लिए,चीन के स्थानीय सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो की ओर से लोगों को गिरफ्तार किया गया और धमकाया गया जोकि चीनी अधिकारियों की ओर से डराने-धमकाने का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण है.
15 दिसंबर को लागू हुआ नया कानून
इस महीने चीन के साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CAC) की ओर से प्रकाशित दिशानिर्देशों के एक नए सेट के हिस्से के रूप में नए नियम 15 दिसंबर से लागू हुए हैं. CAC शी जिनपिंग की अध्यक्षता में केंद्रीय साइबरस्पेस मामलों के आयोग के तहत काम करता है.
वे सभी सोशल मीडिया साइट्स जो जनता की राय व्यक्त कर सकती हैं, इस कानून के अंतर्गत आती हैं. यह सुविधा किसी भी रूप में हो सकती है, जिसमें टिप्पणियां, उत्तर, संदेश, बुलेट स्क्रीन, लाइक आदि शामिल हैं. सरकार चीनभर में विभिन्न विरोध प्रदर्शनों की मेजबानी के पीछे एक संदिग्ध 'विदेशी हाथ' को दोषी ठहराती है.