बीजिंग: चीन ने पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंवादियों की सूची में शामिल कराने की भारत की कोशिश को बाधित करने को लेकर भारत के दोहरे मापदंडों के आरोपों को ‘गलत’ बताकर खारिज कर दिया और दावा किया कि उसने मामले पर फैसला करने में एक ‘उचित और पेशेवर’ रुख अपनाया.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘‘सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की सूची तय करने के मुद्दे को लेकर चीन के दोहरे मापदंड की जो बात कही जा रही है, वह सच नहीं है. हम ठोस सबूत के आधार पर कार्रवाई करते हैं जो कि चीन में अपनाया जाने वाला तरीका है.’’ कल नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में अजहर के मुद्दे को लेकर विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर द्वारा की गयी टिप्पणियों को लेकर गेंग ने कहा, ‘‘हमने संबंधित चर्चा में एक पेशेवर और सही तरीके से जिम्मेदार और सकारात्मक भूमिका निभायी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘संबंधित सदस्यों का मुद्दे पर अलग अलग रुख था. मुद्दे पर तकनीकी रोक को बढ़ाने के पीछे चीन का उद्देश्य इस मुद्दे पर कमिटी और जुड़े पक्षों के बीच एक-दूसरे से विचार विमर्श करने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध कराना था.’’

गौरतलब है कि अकबर ने कल कहा था, ‘‘हम सच में आतंकवाद के मुद्दे पर चीन से ना केवल भारत की बल्कि पूरी दुनिया की आवाज सुनने की उम्मीद करते हैं.’’ आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन की तरफ इशारा करते हुए भारत ने उम्मीद जताई थी कि एक ‘जिम्मेदार’ देश होने के नाते चीन आतंकवाद के प्रति इस्लामाबाद के ‘दोहरे रवैये’ और उसके ‘आत्मघाती’ रवैये को समझेगा.

चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 15 सदस्यीय 1267 समिति में एकमात्र देश था जिसने अजहर का नाम सूची में शामिल करने के भारत के अनुरोध का विरोध किया था. अजहर पर पठानकोट हमलों की साजिश रचने का भी आरोप है. चीन ने भारत के कदम पर दो तकनीक रोक लगाई थीं. जब इस बात की ओर ध्यान दिलाया गया कि चीन 1267 समिति के सदस्यों में अकेला ऐसा सदस्य था जिसने इस पर आपत्ति जतायी तो गेंग ने कहा, ‘‘इससे जुड़ा चीन का रुख और कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव और समिति की प्रक्रिया के नियमों के मुताबिक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन का इस पर एक उचित और पेशेवर रुख है. अब तक समिति में सहमति नहीं बनी है और हम इस मुद्दे पर भारत समेत सभी पक्षों के साथ बातचीत करते रहना चाहेंगे.’’ दोनों देशों ने इस मुद्दे पर कई चरणों में बातचीत की है, इसके बावजूद मुद्दे का हल नहीं हुआ है.

गेंग ने चीन के रुख को साफ करते हुए कहा, ‘‘यह अफसोसजनक है कि अब तक सहमति नहीं बनी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात पर भी जोर देना चाहता हूं कि भारत और चीन दोनों आतंकवाद से पीड़ित देश हैं. आतंकवाद से मुकाबले के मुद्दे पर हमारा समान उद्देश्य और समान लक्ष्य है और हमें क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए भारतीय पक्ष के साथ सहयोग और संवाद बढ़ाने की उम्मीद है.’’