Chinese drones with metal-cutting beam:  बॉर्डर पर चीन की नापाक हरकतों से सभी वाकिफ हैं. ड्रैगन अपनी विस्तारवाद की नीति के तहत लगभग हर पड़ोसी देश के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है. अब शी जिनपिंग के मुल्क ने ऐसा कदम उठाया है जो कई देशों के लिए चिंता का विषय है. दरअसल चीन ने लोहा को पिघलाकर पानी बनाने वाले लेजर बीम को एक छोटे ड्रोन पर तैनात किया है.


ये इसलिए खतरनाक है क्योंकि जानकारों के मुताबिक इस लेजर बीम से दुश्मनों के हथियार को पिघलाया जा सकता है. इतना ही नहीं युद्ध के दौरान इसकी मदद से दूसरे देश के सैनिकों के चेहरे और आंखों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है. 


चीन ने जारी किया वीडियो


साउथ चाइना पोस्ट के मुताबिक, चीन ने इस खतरनाक लेजर लाइट का वीडियो जारी किया है. इस वीडियो को देखने के बाद भारत-अमेरिका समेत कई देश चिंता में हैं. इस वीडियो से ही ड्रैगन के नापाक मंसूबे साफ हो जाते हैं. अगर चीन किसी देश के साथ यु्द्ध में इस लेजर ड्रोन का इस्तेमाल करता है तो  इसी भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाएं कि ये पारंपरिक हथियारों और मिसाइलों की तुलना में कई गुना अधिक खतरनाक होगा.


क्या है वीडियो में


वीडियो काफी डरावना है. इसमें दिखाया गया है कि हथियारों के साथ एक सैनिकों का एक दस्ता चल रहा है. उनके पीछे अमेरिकी हमवी आर्मर्ड व्हीकल चल रही है. तभी वहां एक ड्रोन दिखाई देता है और सैनिक चिल्लाता हुआ अपनी आंखें ढक लेता है. आगे उसकी उंगलियों के बीच से धुआं निकलता दिखाई देता है और फिर एक एक कर सभी सैनिक गिर जाते हैं.


भारत से रिश्ते सुधरे


हाल के दिनों में भारत और चीन के रिश्ते सुधरे हैं. हाल में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की गश्त और पीछे हटने को लेकर एक समझौता हुआ, जो चार साल से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है.


इस बारे में जयशंकर ने कहा, ‘‘संतुलन स्थापित करना दोनों देशों के हित में है. हालांकि, वैचारिक रूप से ऐसा करना कठिन है, क्योंकि दोनों ही देश पूर्ण रूप से बदल रहे हैं, इसलिए यह बहुत जटिल समीकरण है. विश्व बदल रहा है, हम बदल रहे हैं, विश्व के साथ संबंध बदल रहे हैं और दोनों देशों के संबंध भी बदल रहे हैं.’’


जयशंकर ने कहा, ‘‘इसलिए, इन सभी परिवर्तनों में, आप संतुलन कैसे पाएंगे... यह पसंदीदा विकल्प होगा, लेकिन समस्या यह है कि अभी हम अल्पकालिक उपायों से जूझ रहे हैं, और अभी अल्पावधि में तनाव कम करने पर ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि सैनिकों के पीछे हटने के मुद्दे पर प्रगति हुई है, लेकिन अन्य मुद्दे भी हैं.’’