China Nuclear Power: चीन (China) के परमाणु हथियारों (Nuclear Weapon) में तेजी से वृद्धि हो रही है, और अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अगले छह सालों में यह संख्या एक हजार से अधिक हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने सामरिक और सुरक्षा हितों को देखते हुए परमाणु क्षमताओं का विस्तार कर रहा है. इसमें मिसाइल साइलो, ग्राउंड मोबाइल, पनडुब्बी-प्रक्षेपित हथियार और परमाणु-सक्षम हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन (एचजीवी) जैसी अत्याधुनिक प्रणालियां शामिल हैं.


The Week की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का परमाणु शस्त्रागार 2030 तक दोगुना हो सकता है, जिससे वैश्विक सुरक्षा की स्थिति में अस्थिरता की संभावना बढ़ सकती है. वर्तमान में चीन के पास 500 से अधिक परिचालन परमाणु हथियार हैं, और रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि इनमें से अधिकांश हथियार महाद्वीपीय अमेरिका तक मार करने में सक्षम होंगे.


परमाणु शक्ति में चीन का स्थान
स्वीडिश थिंक टैंक, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2024 तक चीन के पास 500 न्यूक्लियर वॉरहेड थे, जबकि 2023 में यह संख्या 410 थी. इस साल जनवरी तक पूरे विश्व में कुल 12,221 परमाणु वारहेड हैं, जिनमें से 9,585 संभावित इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रखे गए हैं. रूस और अमेरिका के पास दुनिया के 90% से अधिक परमाणु हथियार हैं, और इनके बाद चीन तीसरे स्थान पर आता है.


अन्य देशों की स्थिति
रूस और अमेरिका के बाद, चीन के परमाणु भंडार में तेजी से वृद्धि हो रही है, जबकि ब्रिटेन, फ्रांस, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल भी अपने शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहे हैं. हालांकि, चीन के परमाणु हथियार भंडार की संख्या अभी भी रूस और अमेरिका के मुकाबले काफी कम है, लेकिन इस तेजी से बढ़ती क्षमता से वैश्विक सुरक्षा संतुलन में बदलाव की संभावनाएं बनी हुई हैं.


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