China Occupied Ladakh: चीन (China) ने कब्जे वाले लद्दाख (China Occupied Ladakh) में पुलों के नाम गलवान (Galwan Valley Clash) में मारे गए चीनी जवानों (Chinese Soldiers) पर रखे हैं. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक, तिब्बत-शिनजियांग हाईवे (Tibet-Xinjiang Highway) पर बने पुलों के नाम गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों पर रखे गए है. 


यह दरअसल, भारत का वो इलाका है जिसे चीन 'अक्साई चिन' (Aksai Chin) कहता है. यह लद्दाख का उत्तर पूर्वी हिस्सा है और लेह जिले में आता है, जिसकी एक सीमा चीन तो दूसरी तिब्बत से लगती है. 1962 की जंग में चीन ने इस इलाके पर कब्जा कर लिया था. 


चीन के सरकारी मीडिया ने दी ये जानकारी
 
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने शुक्रवार (4 नवंबर) को तिब्बत-शिनजियांग हाईवे के 11 प्रमुख पुलों का नामकरण किया. जिनमें जून 2020 के गलवान घाटी संघर्ष में मारे गए चार चीनी सैनिकों पर नाम रखे गए. रिपोर्ट में कहा गया कि ये नाम उन सैनिकों की याद में रखे गए जो चीनी लोगों की बढ़ती देशभक्ति की भावना के प्रतीक बन गए. पुलों के नाम जिन चार चीनी जवानों पर रखे गए, उनमें चेन शियानग्रोंग, शिआओ सियुआन, वांग झुओरन और चेन होंगजुन शामिल हैं.


16 दौर की बैठक से सुलझा था विवाद


रिपोर्ट्स के मुताबिक, गलवान घाटी संघर्ष को लेकर भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. विवाद को सुलझाने के लिए भारत-चीन के कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत चली. इसी साल जुलाई में आखिरी बैठक में दोनों देश भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिम में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ जमीन पर स्थिरता बनाए रखने और समस्याओं को हल करने के लिए सहमत हो गए थे. 14 सितंबर को मीडिया रिपोर्ट्स बताया गया पूर्वी लद्दाख में एक प्रमुख गतिरोध बिंदु, गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में पैट्रोलिंग पॉइंट 15 से भारत और चीन ने अपने-अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस ले लिया है.


सीसीपी कांग्रेस में दिखाया गया था गलवान झड़प का वीडियो


इसी साल 15 जून को गलवान घाटी झड़प के दो साल पूरे होने पर चीनी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट वीबो पर चीन के कई सरकारी अखबारों ने अपने जवानों को श्रद्धांजलि दी थी. हाल में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस यानी अधिवेशन रखा गया था, जिसमें शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगी थी. सीसीपी की इस बैठक में भी गलवान घाटी संघर्ष का वीडियो दिखाया गया था. पीएलए की ओर से शामिल प्रतिनिधियों में एक सैन्य कमांडर फबाओ भी गलवान में घायल हुआ था. ग्रेट हॉल ऑफ पीपल की स्क्रीनों पर गलवान संघर्ष का वीडियो जब चला तो फबाओ भी वहां मौजूद था.


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