China Nepal Trade: भारत को चारों तरफ से घेरने की कोशिशों में लगा चीन (China) हिमालयी राष्ट्र नेपाल (Nepal) में अपनी पैठ बना रहा है. इन दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार पर सहमति बनी है, जिसके फलस्वरूप वे प्रमुख बॉर्डर-पॉइंट्स से दोतरफा व्यापार (Cross Border Trade) फिर से शुरू कर दिए हैं. चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से इसकी पुष्टि की गई.
तिब्बत की राजधानी ल्हासा में नेपाल के वाणिज्य दूतावास कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, चीन और नेपाल के अधिकारी 1 अप्रैल से एक प्रमुख भूमि सीमा बिंदु के माध्यम से अपना द्विपक्षीय व्यापार फिर से शुरू करने पर सहमत हुए. यह निर्णय सीमा व्यापार और सहयोग पर नेपाल-चीन समन्वय तंत्र की पहली बैठक के दौरान लिया गया, जो बुधवार (29 मार्च) को ल्हासा में आयोजित की गई थी.
बताया जाता है कि चीन और नेपाल के प्रतिनिधियों की बैठक के दौरान चर्चा मुख्य रूप से क्रॉस-बॉर्डर ट्रेड और लोगों की आवाजाही को फिर से शुरू करने और पोर्ट के सुचारु संचालन, व्यापार सुविधा, कस्टम विभाग की मदद, सीमा क्षेत्र में विकास और आपसी सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर केंद्रित थी.
ल्हासा में हुई दोनों देशों की मीटिंग
नेपाल के उद्योग-वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय के सचिव मधु कुमार मरासिनी ने बताया कि वे 1 अप्रैल 2023 से दो-तरफा व्यापार और लोगों की आवाजाही के लिए रसुवागढ़ी/केरुंग एक्जिट एंड एंट्री पॉइंट का पूर्ण संचालन करने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों पक्षों यानी कि नेपाल और चीन के बीच 1 मई, 2023 से अन्य बॉर्डर-पॉइंट से भी दो-तरफा व्यापार और लोगों की आवाजाही को शुरू किया जाएगा.
कोरोना के कारण बंद हुए थे बॉर्डर
चीन ने लगभग तीन साल पहले कोरोना महामारी के कारण नेपाल के साथ बॉर्डर पॉइंट्स को सील कर दिया था. अभी नेपाल का अधिकतर व्यापार भारत के साथ होता है, मगर अब चीन भी वहां तेजी से अपनी पैठ बना रहा है और माना जा रहा है कि वह बहुत जल्द नेपाल के प्रमुख विकास भागीदारों में से एक बन जाएगा. नेपाल उत्तर में चीन से और बाकी तीन दिशाओं से भारत से घिरा है.
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