परमाणु हथियारों के मामले में बॉस बनना चाहता है ड्रैगन! कुछ ही सालों में डबल कर लेगा जखीरा
China Nuclear Weapons: पेंटागन के मुताबिक चीन के पास इस समय करीब 500 परमाणु हथियार हैं. साल 2030 तक चीन 1000 से ज्यादा परमाणु हथियार बना लेगा.
China Nuclear Weapons: पिछले पांच वर्षों में चीन ने तेजी से परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाया है, इसको लेकर दुनियाभर के डिप्लोमेट चिंतित हैं. यह अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर चीन ऐसा क्यों कर रहा है. इनका मानना है कि चीन कभी भी स्पष्ट तौर पर अपने परमाणु हथियारों की जानकारी नहीं देता है. पिछले महीने जारी हुई बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट में इन चीजों का खुलासा किया है.
एटॉमिक साइंटिस्ट्स ने अपने रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन ठोस ईंधन और तरल ईंधन से बनने वाली एटॉमिक बैलिस्टिक मिसाइलों का तेजी से निर्माण कर रहा है. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की पीएलए परमाणु हथियार बढ़ाने पर कोई ठोस जानकारी नहीं देती है. कुछ महीने पहले जारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की पेंटागन रिपोर्ट के मुताबिक भी चीन तेजी से परमाणु हथियार बढ़ा रहा है. पेंटागन की रिपोर्ट में भी चीन इस कदम को लेकर चिंता जाहिर की गई थी.
अमेरिका से आगे निकलना चाहता है चीन!
पेंटागन के मुताबिक चीन के पास इस समय करीब 500 परमाणु हथियार हैं. साल 2030 तक चीन 1000 से अधिक परमाणु हथियार बना लेगा. उम्मीद जताई गई है कि चीन रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए ऐसा कर रहा है, क्योंकि ताइवान के साथ चीन का कभी भी टकराव हो सकता है. हाल में जारी बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन अमेरिका से परमाणु हथियार के मामले में आगे निकलना चाहता है. चीन के पास आज भी जरूरत से अधिक एटॉमिक हथियार हैं, लेकिन वह पूरी दुनिया पर अपना वर्चस्व कायम करने के लिए शायद ऐसा कर रहा है.
एटॉनामिक पॉवर पर चीन की नीति
एटॉमिक साइंटिस्ट्स ने कहा है कि परमाणु हथियारों में कटौती की वकालत करने वालों के लिए ऐसे आंकड़े गंभीर अर्थ रखते हैं. चीन ने ट्रक से ले जाने वाली भूमि आधारित एटॉमिक मिसाइलों के अलावा पनडुब्बी आधारित एटॉमिक हथियार भी बना रहा है. पीएलए नौसेना ने 94 परमाणु संचालित मिसाइलों को अपने जेएल-3 पनडुब्बियों पर तैनात किया है. पीएलए वायुसेना ने H-6 विमानों पर परमाणु हथियारों का परीक्षण कर चुकी है. वहीं स्टील्थ एच-20 बमवर्षक विमानों पर एटॉमिक मिसाइलों के तैनात करने पर चीन की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी. एटॉमिक साइंटिस्ट्स के मुताबिक चीन के प्रवक्ताओं ने अपने परमाणु विस्तार की न तो पुष्टि की है नही इसे खारिज किया है. ऐसे में चीन का परमाणु विस्तार गुत्थी बनकर रह गई है.
यह भी पढ़ेंः Israel-Hamas War: इजरायल-हमास के बीच रुकेगी जंग, जो बाइडेन ने दुनिया ने दुनिया को चौंकाते हुआ बता दी तारीख