India China Tensions: पूर्वोत्तर भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) को चीन (China) ने अपना बताते हुए एक बार फिर नक्शे में कुछ गांव-कस्बे और स्थानों के नाम बदले हैं. यह तीसरी बार है, जब चीनी सरकार ने अपने यहां अरुणाचल के स्थानों का नया नाम रखकर मैप तैयार किया है. अरुणाचल प्रदेश को चीन अब 'जंगनान' (Zangnan) कहता है और, दावा करता है कि यह तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा है.
चीन की नापाक हरकत पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि जगहों के नाम बदलने से सच्चाई नहीं बदलती. अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. चीन के प्रयासों पर अमेरिका ने भी भारत का समर्थन किया है और कहा है कि हम अरुणाचल प्रदेश के इलाकों का नाम बदलकर अपने क्षेत्रीय दावे को आगे बढ़ाने की उसकी एकतरफा कोशिशों का कड़ा विरोध करते हैं.
बता दें कि चीनी मंत्रालय ने रविवार (2 अप्रैल) को अपने यहां के नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की है. जिसमें उसने हिमालयी सीमा क्षेत्र के साथ यहां के 2 भूखंडों, 2 आवासीय क्षेत्रों, 5 पर्वत चोटियों, 2 नदियों और 2 अन्य क्षेत्रों के नाम तिब्बती भाषा में रखे. जिस पर भारत की ओर से आपत्ति जताई गई.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने बोली ये बात
भारत की आपत्ति को बेमतलब की मानते हुए अब चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि भारत को यह बात लेनी चाहिए ज़ंगनान (अरुणाचल प्रदेश के लिए चीनी नाम) चीन का हिस्सा है, और इसलिए भारत हमारे आतंरिक मामलों पर बेजां टीका-टिप्पणी न करे. बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान प्रवक्ता माओ निंग बोली, "ज़ंगनान चीन का हिस्सा है. और, हमारी राज्य परिषद के भौगोलिक नामों के प्रशासन की प्रासंगिक शर्तों के अनुसार, चीनी सरकार के अधिकारियों ने ज़ंगनान के कुछ हिस्सों के नामों का मानकीकरण किया है. ये कदम चीन के संप्रभु अधिकारों के दायरे में रहकर ही उठाया गया है,”
3,440KM लंबे बॉर्डर को मानता है 2 हजार KM
अरुणाचल प्रदेश दावा करने के अलावा चीन भारत के कुछ अन्य इलाकों को भी अपना बताता है. भारत और चीन के बीच करीब 3,440 किमी लंबी सीमा है, लेकिन चीनी सरकार उसे केवल 2 हजार किमी लंबी मानती है. दोनों देशों के बीच अभी जो सीमा-रेखा है, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा या LAC के रूप में जाना जाता है, जो कि विवादित है.