Shahid Mahmood: चीन (China) एक बार फिर से भारत और अमेरिका (India and America) के रास्ते का रोड़ा बना है. उसका पाकिस्तान (Pakistan) के लिए प्यार कम होने का नाम नहीं ले रहा है. चीन ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शाहिद महमूद (Shahid Mahmood) को ग्लोबल आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल करने वाले प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में ये प्रस्ताव भारत और अमेरिका ने रखा था. ये चौथी बार है जब चीन ने भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगाई है.


पाकिस्तान के सदाबहार सहयोगी चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत 42 साल के महमूद को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगा दी. अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने दिसंबर 2016 में महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. बता दें कि इससे पहले सितंबर में भारत-अमेरिका ने आतंकवादी साजिद मीर को ग्लोबल आतंकियों की लिस्ट में शामिल करने की मांग की थी. इस प्रस्ताव पर चीन ने रोक लगा दी थी. साजिद मीर 26/11 का मास्टरमाइंड है.


शाहिद लंबे वक्त तक रहा लश्कर का सदस्य


अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की वेबसाइट की जानकारी के अनुसार, महमूद पाकिस्तान के कराची में रहकर लंबे समय तक लश्कर का सदस्य रहा है और इसका संबंध साल 2007 से लश्कर से है. इसके अलावा महमूद ने महमूद ने फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया, जो लश्कर-ए-तैयबा की मानवीय और धन उगाहने वाली शाखा है. वेबसाइट के मुताबिक शाहिद महमूद साल 2014 में कराची में एफआईएफ का नेता था. साल 2013 में महमूद की पहचान पब्लिकेशन के विंग कमांडर के रूप में हुई थी.


साजिद मीर को ब्लैकलिस्ट करने पर लगाई थी रोक


पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए चीन का खुला मानो समर्थन है. इसी कारण वह मुंबई के 26/11 हमले समेत तमाम आतंकी घटनाओं में शामिल आतंकियों को यूएन के घोषित आतंकियों की सूची में शामिल करने पर रोड़े डालता रहता है. इसी तरह साजिद मीर को जब वैश्विक आतंकी घोषित करने की बात आई तो इसमें भी चीन ने फिर रोड़ा अटका दिया.


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