अमेरिका और चीन के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. चीन ने अमेरिका को उसका वाणिज्यिक दूतावास बंद करने को कहा है. चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अमेरिकी दूतावास से कहा कि वह चेंगदू में मौजूद अपना कॉन्स्लेट बंद कर दे. चीन का ये फैसला अमेरिका के उस कदम के जवाब में आया है, जिसमें ट्रंप प्रशासन ने ह्यूस्टन में मौजूद चीन के कॉन्सुलेट को 72 घंटों में बंद करने का आदेश दिया था.


इन हालात के अमेरिका जिम्मेदारः चीन


चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर इस फैसले की जानकारी दी. अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा, “चीन और अमेरिका के रिश्तों में जो वर्तमान हालात बने हैं, चीन उनकी इच्छा नहीं रखता और अमेरिका इस सबके लिए जिम्मेदार है.”


मंत्रालय के बयान में फैसले को जरूरी ठहराते हुए कहा है, “अमेरिका की ओर से गैरजरूरी कदमों के जवाब में ये वैध और जरूरी फैसला लिया गया है.”






चीन की राजधानी बीजिंग में अमेरिका का एक दूतावास मौजूद है, जबकि चेंगदू समेत 5 स्थानों पर कॉन्सुलेट हैं. इसके अलावा अमेरिका का एक कॉन्सुलेट हांगकांग में भी है.


अमेरिका ने लगाया था जासूसी का आरोप


अमेरिका ने मंगलवार 21 जुलाई को ह्यूस्टन में मौजूद चीनी वाणिज्यिक दूतावास को 72 घंटे में बंद करने का आदेश दिया था. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने इस चीनी दूतावास को जासूसी का अड्डा बताया था. अमेरिका ने चीनी दूतावास पर बौद्धिक संपदा चोरी की चोरी का भी आरोप लगाय था.


वहीं चीन ने इस फैसले को गलत बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया की धमकी दी थी, जिसके बाद चीन ने अपने सिचुआन प्रांत में स्थित चेंगदू में अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास को बंद करने का आदेश दिया.


कई मुद्दों पर बढ़ा दोनों देशों में विवाद


अमेरिका और चीन के बीच हाल के दिनों में कई मुद्दों पर विवाद बढ़ा है. राष्ट्रपति ट्रंप लगातार चीन पर कोरोना वायरस महामारी की साजिश का आरोप लगाते रहे हैं, जबकि हांगकांग में चीनी सरकार के रवैये पर भी दोनों देश आमने-सामने आए हैं.


इसके अलावा भारत से सीमा विवाद पर भी अमेरिका ने चीन को लताड़ा, जबकि दक्षिण चीन सागर में भी दोनों देशों के बीच आक्रामक बयानबाजी दिखी है.


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