China Latest News: अफ्रीका में गधों की खाल पर लगाए गए बैन से चीन को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, चीन में कई सालों से एजियाओ दवाई बनाने के लिए गधे की खाल का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, 55 देशों वाले अंतर सरकारी अफ्रीकन यूनियन ने आगामी 15 सालों के लिए गधों के मारने पर रोक लगा दिया है. यही समस्या चीन के लिए सिरदर्द बन गई है. 


अफ्रीका में गधों को गरीबों के आय का साधन माना जाता है. चीन में लगातार बढ़ती गधों की मांग की वजह से इस जानवर के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. यही वजह है कि आगामी 15 सालों के लिए अफ्रीकी संघ ने गधों की हत्या पर रोक लगाई है. चीन में एजियाओ बनाने वाले कारोबारियों ने एक दशक से काफी तादाद में अफ्रीकी महाद्वीप से गधे मंगाए हैं मगर वहां गधों की हत्या पर बैन लगने के बाद अब उन्हें एक ही देश का सहारा बचा हुआ है. वह है भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान. 


पाकिस्तान है चीन की उम्मीद


चीन को अब पाकिस्तान से काफी उम्मीद है. पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान ने चीन में काफी गधों का निर्यात किया है. यही नहीं चीन में गधों के बढ़ते डिमांड को देखते हुए पाकिस्तान में किसान गधों को काफी संख्या में पाल भी रहे हैं.


अफ्रीका में गरीबों का सहारा है गधा 


अफ्रीकी महाद्वीप में गधों को गरीबों का सहारा माना जाता है. गधे उनकी आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 42 से 53 मिलियन गधों में 13 मिलियन गधे केवल अफ्रीका में ही पाए जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के साथ व्यापार शुरू होने के बाद अफ्रीका में गधों की संख्या काफी तेजी से घटी है. द डोंकी सैंक्चुअरी के मुताबिक, 2021 में वैश्विक स्तर पर मारे गए गधों की संख्या 5.9 मिलियन है.


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