इस्लामाबाद: कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक स्थिति के बिगड़ जाने और कर्ज का दबाव  बढ़ता दिख रहा है. इसके बाद भी पाकिस्तान, चीन की साझेदारी वाली रणनीतिक 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना पर आगे बढ़ रहा है.

सीपीईसी प्राधिकरण के चेयरमैन लेफ्टिनेंट-जनरल (सेवानिवृत्त) असीम सलीम बाजवा ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा, ‘‘इसके रास्ते में कोई राजनीतिक बाधा नहीं है. यह परियोजना पाकिस्तान के भविष्य के साथ-साथ एक ठोस वास्तविकता है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा."

उन्होंने कहा कि परियोजना को पूरा करने का काम तेज गति से चल रहा है. पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बाजवा के हवाले से कहा कि पाकिस्तान अपने हित में फैसले लेता है. इसमें कोई शक नहीं होना चाहिये कि सीपीईसी परियोजना "देश के हित में है" और इसे लेकर "कोई बाहरी दबाव स्वीकार नहीं किया जायेगा."

सीपीईसी सड़कों, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं का नियोजित नेटवर्क है, जो चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने के लिये है. भारत ने इस पर आपत्ति जतायी है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से गुजर रहा है.

अमेरिका भी इस बुनियादी ढांचा परियोजना के गैर-पारदर्शी होने के कारण इसका आलोचक है. अमेरिका का कहना है कि इस परियोजना में विश्व बैंक द्वारा ब्लैकलिस्ट की गयी कंपनियों को ठेके मिले हैं. जिससे पाकिस्तान का कर्ज बोझ बढ़ेगा. पहले से नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के समक्ष कोरोनो वायरस महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से गंभीर आर्थिक दिक्कतें खड़ी हो गई हैं. पाकिस्तान ने महामारी और इसके आर्थिक प्रभाव से लड़ने को लेकर अतिरिक्त धन के लिये कई बहुपक्षीय कर्जदाताओं से संपर्क किया है.

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले 24,000 को पार हो गये हैं, जबकि मरने वालों की संख्या 564 हो गयी है. पिछले महीने, पाकिस्तान ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1.39 अरब डॉलर का आपातकालीन ऋण लिया. यह कर्ज 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के अतिरिक्त था. इससे पहले विश्व बैंक ने पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को बचाये रखने के लिये एक अरब डॉलर और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 1.5 अरब डॉलर की मंजूरी दी है.

पत्रकारों से बातचीत के दौरान, बाजवा ने कहा कि खुनजराब से ग्वादर तक दोनों मार्गो की कार्य योजना पूरी हो गई है और शेष लिंक मार्गो को अगले कुछ महीनों में योजना में जोड़ दिया जायेगा. बाजवा सूचना पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक भी हैं. उन्होंने कहा, "कई अरब डॉलर की इस परियोजना का दूसरा चरण देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जायेगा." ग्वादर की विकास परियोजनाओं को दूसरे चरण में शामिल किया गया है.

सीपीईसी के दूसरे चरण में परियोजनाओं के बारे में बताते हुए बाजवा ने कहा, "कृषि, उद्योग, व्यापार और विज्ञान व प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जा रहा है." उन्होंने कहा कि सर्वोच्च प्राथमिकता चार प्रांतों-खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में आर्थिक क्षेत्रों को कार्यात्मक बनाना है.

जब जनरल राहील शरीफ सेना प्रमुख थे, तब बाजवा सेना के मीडिया विंग के प्रमुख थे. उन्हें पिछले साल सीपीईसी प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया और मीडिया के साथ सरकार के संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करने के लिये पिछले महीने सूचना पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक का अतिरिक्त पोर्टफोलियो दिया गया.

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