(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
China Pakistan Kashmir: 'PoK खाली करो', जयशंकर की फटकार के बाद पाकिस्तान के बचाव में उतरा चीन, अब उठा दिया ये मुद्दा
गोवा में SCO बैठक करने आए पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को जयशंकर ने पाक अधिकृत कश्मीर खाली करने को कहा था. जिसके बाद इस्लामाबाद में भुट्टो से मिले चीनी विदेश मंत्री ने कश्मीर मुद्दे को उठाया.
China Pakistan Joint Statement On Kashmir: गोवा में SCO की मीटिंग के दौरान भारत-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की जुबानी तकरार के एक दिन बाद इस्लामाबाद में चीन (China) ने कश्मीर (Jammu Kashmir) के मुद्दे पर टांग अड़ाने की कोशिश की है. चीनी और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों, किन गिरोह और बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच हुई मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने कश्मीर को लेकर एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें भारत पर निशाना साधा गया.
इससे एक दिन पहले ही गोवा में हुई SCO की बैठक के उपरांत भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को कश्मीर मुद्दे पर फटकार लगाई थी. जयशंकर ने कहा था- उन्हें (पाकिस्तान को) 'पीओके खाली कर देना चाहिए, उनका कश्मीर के एक हिस्से पर अवैध कब्जा है.' जिसके बाद अब चीन और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों ने कश्मीर को लेकर संयुक्त बयान दिया है.
The 4th Pakistan China Strategic Dialogue was followed by a joint press briefing by FM @BBhuttoZardari and
— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) May 6, 2023
State Councilor and Foreign Minister, @AmbQinGang.
🇵🇰🇨🇳 pic.twitter.com/gB5cQkmZX1
चीन पाक ने कश्मीर मुद्दे पर जारी किया संयुक्त बयान
चीन और पाकिस्तानी विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान में भारत द्वारा आर्टिकल-370 को निष्क्रिय किए जाने के विरोध में भारत पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया गया और उसे विवादित क्षेत्र में "एकतरफा कार्रवाई" बताया गया. बयान में कहा गया कि नई दिल्ली का फैसला "एकतरफा कार्रवाई" थी, जो वहां "पहले से ही अस्थिर स्थिति को और जटिल बना सकती है." इसके साथ ही चीन ने कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों के तहत निपटारा किए जाने पर जोर दिया.
कहा- संयुक्त राष्ट्र के चार्टर से हो मुद्दे का हल
चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि अतीत में कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के रूप में छोड़ दिया गया और अब इस विवाद को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, व सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार ठीक से और शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए. इस्लामाबाद में जारी पाक-चीन के संयुक्त बयान में कहा गया, ''चीन और पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व और सभी लंबित विवादों के समाधान की आवश्यकता को रेखांकित किया है.''
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू और कश्मीर में हालिया स्थिति के बारे में जानकारी दी. जिसके बाद चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच के द्विपक्षीय कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ मुंह खोल लिया.
भारत ने कहा- तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं
भारत का कहना है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र ने इन दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के मुद्दे सुलझाने में संयुक्त राष्ट्र या किसी अन्य तीसरे पक्ष को शामिल करने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी थी.
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