China-Philippines Row: दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव जारी है. चीन और फिलीपींस के जहाजों के बीच हुई झड़पों से एक नया विवाद खड़ा हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में ही दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर समझौता किया गया था लेकिन अब वो कारगर होता नहीं रहा. 


दरअसल, दक्षिण चीन सागर के विवादित हिस्से में चीन-फिलीपींस के कोस्टगार्ड के जहाजों के आपस में टकराने से विवाद पैदा हुआ है. दोनों ही एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब फिलीपींस ने अप्रैल में अपने सबसे बड़े तटरक्षक जहाज को तैनात किया. फिलीपींस के इस कदम को चीन ने अवैध बताते हुए आपत्ति जताई थी. 


क्या आरोप लगा रहे चीन और फिलीपींस ?


फिलीपींस ने आरोप लगाते हुए कहा कि चीनी जहाज ने उसके जहाज को जानबूझकर टक्कर मारी. चीन ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि फिलीपींस का जहाज उसके जहाज से टकराया था. शनिवार (31 अगस्त) को दोनों के जहाजों के बीच दक्षिण चीन सागर में सबीना शोल पर ये टक्कर हुई. दोनों के बीच दक्षिण चीन सागर के कुछ द्वीपों को लेकर भी विवाद जारी है. कई हिस्से ऐसे भी हैं जहां दोनों ही अपने-अपने दावे कर रहे हैं. 


चीन के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?


सोमवार (02 सितंबर) को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने इस मामले पर जानकारी दी. चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सबीना शोल में हुए तनाव की वजह फिलीपींस के तट रक्षक पोत की मौजूदगी है जो लंबे समय से वहां मौजूद है. चीन ने फिलीपींस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी मंशा इस क्षेत्र पर कब्जा करने की है. चीन ने मांग की है कि जल्द से जल्द यहां से इस जहाज को हटाया जाना चाहिए. 


फिलीपींस ने क्या कहा?


फिलीपींस की तरफ से कुछ तस्वीरें जारी की गईं जिसमें उसके जहाज को हुए नुकसान को दिखाया गया. फिलीपींस की ओर से दावा किया गया कि चीन ने जानबूझकर इस जहाज को तीन बार टक्कर मारी जिसकी वजह से उसमें एक बड़ा छेद हो गया. फिलीपींस के अधिकारियों ने जानकारी दी कि चीन इस क्षेत्र में बेवजह विवाद खड़ा कर रहा है.


चीन ने की आक्रामक कार्रवाई


चीन ने दक्षिण चीन सागर में 19, 25 और 31 अगस्त को फिलीपींस के खिलाफ गोलीबारी की जिसकी जानकारी ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सोमवार को देते हुए इस पर चिंता व्यक्त की. ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ऑस्ट्रेलिया चीन की इस कार्रवाई की फिलीपींस की निंदा से सहमत है. इससे दक्षिण चीन सागर में तनाव और बढ़ेगा.


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