China AI Warfare: चीन (China) ने हाल के दिनों में इंटेलिजेंस वॉर पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. ड्रैगन अपनी आर्मी की ताकत बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का इस्तेमाल कर रहा है. द जापान टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक हाल के दिनों में चीन लगातार अमेरिका और उसके सहयोगी ताइवान के आसपास के समुद्री क्षेत्रों पर सैन्य क्षमताओं को तेजी से बढ़ा रहा है.


टेक्सास नेशनल सिक्योरिटी रिव्यू में पब्लिश एक रिपोर्ट आर्टिकल के अनुसार चीन के जानकारों ने कहा कि ड्रैगन इंटेलिजेंस वॉर पर ध्यान दे रहा है. उनका मकसद है AI की मदद से वो दुश्मन देशों के इच्छाशक्ति पर अपना कंट्रोल बना सके. चीन AI की मदद से सामने वाले दुश्मन देशों के वरिष्ठ राजनेताओं पर अपना नियंत्रण कायम कर सके.


क्या चीन ताइवान और अमेरिका पर जीत हासिल कर लेगा
सैन्य सूचना टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ और वाशिंगटन स्थित हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के साथी कोइचिरो ताकागी ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA)  ने यह नहीं बताया है कि वह मानव अनुभूति को कंट्रोल करने के लिए AI का उपयोग कैसे करना चाहता है. हालांकि, चीन में इस बात को लेकर बहस छिड़ी हुई है कि चीन के पॉलिसी मेकर AI का विकास कर पारंपरिक हथियारों का उपयोग किए बिना ताइवान और अमेरिका पर जीत हासिल कर लेंगे.


शी जिनपिंग ने AI पर दिया जोर 
चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य महत्वाकांक्षाओं के लिए AI कितना महत्वपूर्ण हो गया है, इसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले साल अक्टूबर में कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस के दौरान उजागर किया था. उन्होंने AI और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों के विकास के लिए बीजिंग की प्रतिबद्धता पर जोर दिया था. चीन न केवल 2030 तक दुनिया की अग्रणी AI शक्ति बनने की योजना बना रहा है, बल्कि चीन ने इसे हासिल करने के लिए एक मिलिट्री-सिविल फ्यूजन रणनीति की ओर भी रुख किया है.


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