China President: आखिर कैसे चीन के सबसे ताकतवर नेता बने शी जिनपिंग, आसान नहीं था सत्ता के शिखर तक पहुंचने का सफर
Chinese President Xi Jinping: शी जिनपिंग को चीन का सबसे ताकतवर नेता माना जाता है. राजनीति में उनका सफर आसान नहीं रहा है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने के लिए ही उनको बहुत पापड़ बेलने पड़े थे.
Who Is Xi Jinping: शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बन गए हैं. चीन की संसद ने शुक्रवार (10 मार्च) को शी जिनपिंग को पांच साल का तीसरा कार्यकाल देने का सर्वसम्मति से समर्थन किया. पिछले साल अक्टूबर में चीन की सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने अपनी कांग्रेस में 69 वर्षीय शी जिनपिग को फिर से सीसीपी नेता के रूप में चुना था. बता दें कि सीसीपी की कांग्रेस की बैठक पांच साल में एक बार होती है. चलिए अब आपको शी जिनपिंग के शुरुआती जीवन और कैसे वो चीन के सबसे ताकतवर नेता बने, इसके बारे में बताते हैं.
शी जिनपिंग का जन्म बीजिंग में 15 जून, 1953 को हुआ था. उनके पिता का नाम शी झोंगक्सुन और मां का नाम क्यू शिन है. उनके पिता शुरू से ही राजनीति में थे और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस उपाध्यक्ष सहित कई पदों पर रहे थे. शी जिनपिंग ने साल 1972 में चीन की कम्युनिस्ट यूथ लीग ज्वाइन की थी. इसके बाद शी जिनपिंग का अगला टारगेट था सीसीपी में शामिल होना. इसके लिए उन्होंने करीब 10 आवेदन दिए जो खारिज कर दिए गए. हालांकि, 1973 में शी जिनपिंग को सीसीपी में शामिल कर लिया गया. फिर 1979 से 1982 तक, शी जिनपिंग ने अपने पिता के पूर्व सहयोगी गेंग बियाओ के सचिव के रूप में कार्य किया.
शी जिनपिंग की CCP में एंट्री
1997 में शी जिनपिंग को CCP की 15वीं केंद्रीय समिति का वैकल्पिक सदस्य नामित किया गया. हालांकि, 15वीं कांग्रेस में चुने गए केंद्रीय समिति के 151 वैकल्पिक सदस्यों में शी को सबसे कम वोट मिले थे और उन्हें सदस्यों की रैंकिंग में सबसे अंतिम स्थान पर रखा गया.
डॉक्टरेट हैं शी जिनपिंग
इसके बाद, 1998 से 2002 तक शी जिनपिंग ने सिंघुआ विश्वविद्यालय में मार्क्सवादी सिद्धांत और वैचारिक शिक्षा पर अध्ययन किया और 2002 में कानून और विचारधारा में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. 2002 में ही शी जिनपिंग झेजियांग प्रांत में स्थानांतरित हो गए और 16वीं केंद्रीय समिति के पूर्ण सदस्य के रूप में भी चुने गए.
शी जिनपिंग ने धीरे-धीरे पार्टी नेताओं में अपना दबदबा बनाना शूरू कर दिया है. शी को अक्टूबर 2007 में 17वीं पार्टी कांग्रेस में 9 सदस्यीय पीएससी (Politburo Standing Committee) में नियुक्त किया गया था. इस दौरान एक खास बात ये हुई कि उन्हें ली केकियांग से ऊपर का स्थान दिया गया है. ये संकेत था जिनपिंग हू जिंताओ की जगह लेने जा रहे थे. वहीं, मार्च 2008 में शी को पीआरसी (People's Republic of China) के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया.
2013 में पहली बार बने राष्ट्रपति
इसके बाद, साल 2012 में आखिर वो समय आ ही गया जिसका शी जिनपिंग को कई सालों से इंतजार था. शी को हू जिंताओ के उत्तराधिकारी के रूप में पार्टी महासचिव नियुक्त नियुक्त कर दिया गया. वहीं चार महीने बाद यानी मार्च 2013 में शी जिनपिंग पहली बार चीन के राष्ट्रपति बने. शी जिनपिंग के राष्ट्रपति बनते ही चीन में एक दम से माहौल बदल गया. धीरे-धीरे शी जिनपिंग की छवि एक तानाशाह की तरह बनने लगी. उन्होंने देश में व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया और इंटरनेट की स्वतंत्रता को कड़ा किया. शी जिनपिंग ने सैन्य खर्च भी काफी ज्यादा बढ़ दिया. इस बीच, चीन के कई देशों के संबंध भी बिगड़ते चले गए. पश्चिमी देश शी जिनपिंग के शासन की आलोचना करते हैं. भारत के भी चीन के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं.
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