![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Explained: पड़ोसी मुल्कों के लिए नासूर बन चुका है चीन, श्रीलंका के बाद अब बांग्लादेश और पाकिस्तान की बारी?
China Policy: चीन अब पाकिस्तान (Pakistan) पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में जुटा है. उसकी नजर अब बलूचिस्तान पर भी है. बांग्लादेश के अहम बंदरगाह चटगांव पर अपना वर्चस्व बढ़ाने की भी कोशिश कर रहा है
![Explained: पड़ोसी मुल्कों के लिए नासूर बन चुका है चीन, श्रीलंका के बाद अब बांग्लादेश और पाकिस्तान की बारी? China President Xi Jinping After Sri Lanka Now Trying to Trap Bangladesh And Pakistan Explained Explained: पड़ोसी मुल्कों के लिए नासूर बन चुका है चीन, श्रीलंका के बाद अब बांग्लादेश और पाकिस्तान की बारी?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/07/7976ce7928e683c1ef8391b7a82567771659862270_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
China Trying To Trap Bangladesh And Pak: चीन अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ अक्सर चालबाजी करता रहा है. अपने पड़ोसी देशों के लिए ड्रैगन (Dragon) हमेशा से एक खतरा ही साबित हुआ है. श्रीलंका की आर्थिक हालत (Sri Lanka Economic Crisis) को बदतर करने में चीन (China) का बहुत बड़ा हाथ माना जाता रहा है. श्रीलंका को आर्थिक तौर से कमजोर करने के बाद अब जिनपिंग ( Xi Jinping) की नजर बांग्लादेश (Bangladesh) और पाकिस्तान पर भी है. और ऐसा लग रहा है कि पड़ोसी मुल्कों केलिए नासूर बन चुका चीन अब श्रीलंका के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान (Pakistan) को भी अपने जाल में फंसाने की पूरी कोशिश में है.
चीन पाकिस्तान पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में जुटा है. कहा जा रहा है कि चीन की नजर अब बलूचिस्तान पर भी है. बांग्लादेश के अहम बंदरगाह चटगांव पर अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए बांग्लादेश को लालच के जाल में फंसा रहा है.
श्रीलंका को ड्रैगन ने कैसे किया पंगु?
श्रीलंका की आर्थिक और राजनीतिक हालत काफी खराब है. माना जाता है कि श्रीलंका को आर्थिक रूप से पंगु बनाने में ड्रैगन की बड़ी भूमिका रही है. श्रीलंका ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए चीन से कर्ज लिया था. देश में कुशल नेतृत्व की कमी के चलते सरकार कर्ज चुकता करने में असमर्थ रही. यानी सीधे तौर से कहा जा सकता है कि ड्रैगन ने श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसा दिया. देश का विदेशी मुद्रा भंडार कम होने की वजह चीन का लोन नहीं चुकाया गया. चीन की कर्ज देकर जमीन हड़पने की पॉलिसी ने श्रीलंका को बदतर आर्थिक मुकाम तक लाकर खड़ा कर दिया. आज स्थिति ये है कि देश में महंगाई चरम पर है. रोजाना की जरूरी चीजें भी लोगों को उपलब्ध नहीं है. भूखमरी की स्थिति है.
पाकिस्तान पर भी दबदबा बनाने की कोशिश
चीन हमेशा से अपने पड़ोसी देश के लिए खतरा ही बना रहा है. चीन अब पाकिस्तान पर भी दबदबा बनाने को लेकर प्रयास में है. माना जा रहा हहै कि ड्रैगन की बुरी नजर अब बलूचिस्तान पर भी है. श्रीलंका को कर्ज और इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर डुबाने के बाद अब पाकिस्तान की बारी है. खबर है कि सीपैक प्रोजेक्ट फेल होने के बाद चीन अब पाकिस्तानी सेना के लिए सीक्रेट मिसाइल बेस बनाने में जुटा है. बताया जा रहा है कि पहाड़ों में गुफा बनाकर मिसाइल सेल्टर बनाने की पूरी तैयारी जारी है.
कर्ज के बहाने कब्जा!
पाकिस्तान में सिंध के नवाबशाह और बलूचिस्तान के खजदर के आसपास के इलाकों में निर्माण का काम जारी है. ये मिसाइल बेस पाक सेना के लिए अहम है क्योंकि अक्सर बलूच विद्रोही पाकिस्तानी सेना के कैंप को टारगेट करते रहे हैं. पीओके (PoK) के केल क्षेत्र में भी पाकिस्तान सेना के फुलवाई कैंप में भी ड्रैगन की सेना के इंजीनियर्स अंडरग्राउंड बंकर बना रहे हैं. बहरहाल CPEC पाकिस्तान के लिए अभी एक जैकपॉट की तरह ज़रूर दिख रहा होगा, लेकिन इसी के बहाने चीन धीरे-धीरे कर्ज से पाकिस्तान के कई इलाकों पर कब्जा करता नजर आ रहा है
बांग्लादेश को भी कर्ज के जाल में फंसाने का प्रयास
श्रीलंका को आर्थिक तौर से कमजोर बनाने के बाद चीन की बुरी नजर अब बांग्लादेश पर भी है. बांग्लादेश को भी ड्रैगन अपने ऋण के जाल में फंसाने के प्रयास में दिख रहा है. देश के अहम बंदरगाह चटगांव पर अपना दबदबा बढ़ाने के लिए चीन लालच देते दिख रहा है. चीन की कई सरकारी कंपनियों ने चटगांव को समार्ट सिटी में बदलने और वहां मेट्रो ट्रेल का जाल बिछाने का प्रस्ताव दिया है. मुनाफे में हिस्सेदारी देने की भी बात सामने आ रही है. ऐसे में ये साफ है कि निवेश के नाम पर बांग्लादेश को ड्रैगन पूरी तरह से अपने प्रभाव में लेने की कोशिश में जुटा नजर आ रहा है. हालांकि बांग्लादेश के एक्सपर्ट चीन के इस प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं हैं.
नेपाल पर भी बुरी नजर!
नेपाल (Nepal) की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. यहां कभी भी भुगतान का गंभीर संकट खड़ा हो सकता है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट में नेपाल के कई गांव में चीन (China) के कब्जे की खबरें लगातार आती रही हैं. अभी हाल ही में जून के महीने में उत्तरी गोरखा के नो मैंस लैंड के पास ड्रैगन की ओर से बाड़ लगाकर जमीन अतिक्रमण करने की खबर आई थी. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सीमा पर बाड़ के निर्माण में किसी तय मानदंडों का पालन नहीं किया गया. लोगों का कहना है कि ड्रैगन की इन हरकतों के कारण सीमा पर उनकी आवाजाही बाधित हुई. गोरखा में चुमानुबरी ग्रामीण नगर पालिका -1 की रुइला सीमा पर भी एक बाड़ लगा दिया गया था. समुद्री क्षेत्र में अपने विस्तारवादी मंसूबों को भी शी जिनपिंग (Xi Jinping) सफल बनाना चाहते हैं. यही वजह है कि दक्षिण एशिया में श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव का अस्तित्व ड्रैगन की वजह से खतरे में है.
ये भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)