मालदीव में पैर पसारने लगा चीन, बंदरगाह के इस्तेमाल की मांगी इजाजत, भारत के लिए कितना खतरा?
China Maldives Bunkering Port: चीन ने मालदीव में बंदरगाह बनाने के लिए चाल चलनी शुरू कर दी है. हाल ही में मालदीव ने भारत को अपने सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कहा था.
China-Maldives Relation: मालदीव में नई सरकार बनने के बाद चीन अपने कदम मालदीव की ओर बढ़ा रहा है. दावा किया जा रहा है कि चीन मालदीव के गद्धो में बंकरिंग पोर्ट बनाने की योजना बना रहा है. इसके लिए चीन ने मालदीव की नई सरकार से इजाजत मांगी है. रिटायर्ड कर्नल विनायक भट्ट ने एक्स पोस्ट में इसकी जानकारी दी है.
उन्होंने लिखा, "चीन मालदीव पर लमाओ अटोल के गद्धो में बंकरिंग बंदरगाह बनाने के लिए दबाव बना रहा है. 2016 में अटोल इलाके से नागरिकों को खाली कराया गया था. चीन ने मालदीव से वादा किया है कि इस बंदरगाह का साझा इस्तेमाल करेगा."
#CCP’s #China pressurising #Maldives yet again for #BunkeringPort(dual use) at #Gaadhoo on #Laamu atoll.
— 卫纳夜格.巴特 Col Vinayak Bhat (Retd) @Raj47 (@rajfortyseven) December 13, 2023
Atoll vacated completely of its civil population by @prz_ymn in Feb2016.#PLA now surreptitiously occupying fm Nov2022.
Obst course&possible #VLF/#skywave antennae field seen. pic.twitter.com/XXdKcCz2Cn
2016 में चीन बना रहा था रोड
साल 2016 में चीन गद्धो द्वीप पर सड़कें बना रहा था, फिर अचानक उसने सारे काम रोक दिए. जानकार मानते हैं कि मुमकिन है कि चीन और मालदीव के बीच कोई समझौता हुआ होगा.
भारत की चिंता?
मालदीव में चीन के अस्तित्व के बाद भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि भारत और मालदीव के बीच की दूरी काफी कम है. मालदीव से भारत पर सीधे नजर रखी जा सकती है. मालदीव में चीन के दाखिल होने के बाद भारत के लिए कूटनीतिक लिहाज भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि हाल ही में मालदीव ने देश से भारतीय सैनिकों को वापस देश लौट जाने को कहा था. इस बीच अगर चीन को बंदरगाह बनाने की अनुमति मिलती है तो अरब सागर में भारत का दबदबा कम हो सकता है. इस पहले भी चीन ने श्रीलंका से हंबनटोटा बंदरगाह कब्जा लिया था.
मालदीव ने चीनी सेना पर क्या कहा था?
मोहम्मद मोइज्जु के राष्ट्रपति बनने के बाद मालदीव भारत और चीन के बीच कूटनीतिक रस्साकशी में फंस गया है. जब चुनाव जीतने के बाद मोइज्जु ने भारतीय सैनिकों को मालदीव से वापस भारत जाने को कहा तो सवाल उठे कि क्या भारतीय सैनिकों की जगह मालदीव में चीनी सैनिक तैनात किए जाएंगे?
हालांकि तब मालदीव के राष्ट्रपति ने इससे इनकार कर दिया था और कहा था कि भारतीय सैनिकों की जगह कोई भी नहीं लेगा क्योंकि मालदीव अपनी जमीन पर किसी विदेशी अस्तित्व को नकारता है.