China News: चीन खुद को सुपर पावर बनाने में लगा हुआ है. उसका इरादा हर क्षेत्र में खुद को आगे रखना है. इन दिनों वह कुछ ऐसा कर रहा है, जिसकी वजह से दुनिया हैरत में पड़ गई है. दरअसल, चीन अमेरिका समेत दुनियाभर से टॉप टैलेंट को अपने यहां लाने के लिए लालच दे रहा है. इसके लिए बकायदा एक प्रोग्राम चलाया जा रहा है. लोगों को नौकरियों के बदले मोटी सैलरी, घर खरीदने पर सब्सिडी और नौकरी के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन करने पर बोनस मिल रहा है.


दरअसल, चीन में पहले 'थाउजैंड टैलेंट्स प्रोग्राम' (TTP) चलाया जा रहा था. इसके जरिए चीनी सरकार दुनियाभर से ऐसे पढ़े-लिखे लोगों की नियुक्ति कर रही थी, जो साइंस और टेक्नोलॉजी के सेक्टर में उसके लिए काम कर सके. इस प्रोग्राम का नाम बदलकर अब क्विमिंग कर दिया गया है. दरअसल, चीन टेक्नोलॉजी के सेक्टर में अपनी बादशाहत कायम करना चाहता है. सेमीकंडक्टर एक ऐसा क्षेत्र है, जहां अभी वह पीछे है. इस सेक्टर में आगे होने के लिए ही क्विमिंग प्रोग्राम जोर-शोर से चल रहा है.


चीन लोगों को क्या लालच दे रहा?


साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक, नौकरी देने के इस नए प्रोग्राम के जरिए जिन्हें नियुक्त किया जा रहा है, उन्हें चीन में घर खरीदने पर उस पर सब्सिडी मिल रही है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करते ही लोगों को तीन से पांच करोड़ रुपये बोनस भी दिया जा रहा है. इसके अलावा लोगों को लाखों रुपये की सैलरी दी जा रही है. आमतौर पर क्विमिंग के तौर पर नियुक्त होने वाले लोग टॉप साइंटिस्ट, पीएचडी होल्डर्स, रिसर्चर्स हैं. 


सेमीकंडक्टर प्रतिबंध ने बढ़ाई चीन की चिंता


दरअसल, राष्ट्रपति शी जिनपिंग सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में चीन को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं. अमेरिका ने हाल ही में सेमीकंडक्टर को लेकर चीन पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. इन प्रतिबंधों में से एक अमेरिकी नागरिकों और स्थायी निवासियों को चीन में जाकर सेमीकंडक्टर चिप सेक्टर में काम करने से रोकता है. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कंप्यूटर, हेल्थकेयर, मिलिट्री सिस्टम, ट्रांसपोर्टेशन जैसी चीजों में हो रहा है. प्रतिबंध के बाद चीन की ये इंडस्ट्री हिल चुकी है. 


क्विमिंग पर क्यों बढ़ रहा शक?


चीन की मिनिस्ट्री ऑफ इंडस्ट्री एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी क्विमिंग प्रोग्राम की देखरेख कर रही है. लोगों को नियुक्त करने के लिए ऑनलाइन एडवरटाइजमेंट चलाई जा रही है. चीन ने अभी तक आधिकारिक तौर पर इस प्रोग्राम को लेकर मुंह नहीं खोला है. ऊपर से सरकार की वेबसाइट पर भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. क्विमिंग के जरिए साइंटिफिक और टेक्नोलॉजी के फील्ड से लोगों को नियुक्त किया जा रहा है. ऐसे में इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि कहीं चीन कुछ बड़ा करने की प्लानिंग तो नहीं कर रहा है. 


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