Human Rights Situation In China: चीन में मानवाधिकारों के हनन को लेकर ब्रिटेन ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसका चीन ने विरोध किया और इसे गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों और अपमानजनक आरोप से भरा बताया. रिपोर्ट को आधारहीन बताते हुए चीन ने कहा कि चीन हमेशा अपने लोगों के मानवाधिकारों और बुनियादी स्वतंत्रता के बढ़ावा देने के साथ-साथ उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है. साथ ही कहा है कि देश में मानव अधिकारों ने प्रगति की है.


ब्रिटेन में चीन के दूतावास की ओर से जारी एक बयान में जोर देकर कहा गया है कि झिंजियांग, हॉन्गकॉन्ग और तिब्बत से संबंधित सभी मामले चीन के आंतरिक मामले हैं, जिसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है. हॉन्गकॉन्ग के संबंध में कहा गया कि अपनी मातृभूमि में शामिल होने के बाद से पिछले 25 सालों में हॉन्गकॉन्ग के निवासियों ने कानून के अनुसार कहीं अधिक अधिकारों और स्वतंत्र का आनंद लिया है.


क्या कहा गया ब्रिटेन की रिपोर्ट में?


ब्रिटेन ने शुक्रवार को कहा था कि चीन में मानवाधिकारों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और उइगर मुसलमानों को भयावह स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने साल 2021 में दुनिया भर में मानवाधिकारों के विकास पर एक रिपोर्ट में कहा कि चीन में मानवाधिकारों की स्थिति साल 2021 मे लगातार बिगड़ती रही है. इस रिपोर्ट का शीर्षक मानवाधिकार और लोकतंत्र है.


रिपोर्ट में कहा गया कि मीडिया की स्वतंत्रता, धर्म की आजादी और कानून के नियम पर प्रतिबंध लगाया गया है. साथ ही चीन में ऐसी नीतियां बनाई गई हैं जो मानवाधिकारों का उल्लंघन करती हैं. साथ ही चीन लगातार ऐसी टेक्नोलॉजी को विकसित कर रहा है जो सीधे-सीधे मानवाधिकारों का उल्लंघन करती हैं.


क्या कहा चीन ने?


ब्रिटेन में चीन एंबेसी की ओर से कहा गया कि चीन हमेशा कानून और नियमों के मुताबिक अन्य देशों की मीडिया और पत्रकारों का चीन में स्वागत करता है. मीडिया की स्वतंत्रता पर चीन के प्रतिबंधों को लेकर ब्रिटिश पक्ष का दावा पूरी तरह से निराधार है. बयान में आगे कहा गया कि हम ब्रिटेन से आग्रह करते हैं कि मानवाधिकारों के मुद्दों पर अपने पाखंड को सुधारें, अपने दोहरे मापदंडों को बंद करें और चीन के आंतरिक मामलों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करना भी बंद कर दें.


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