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HRW Report : तिब्बत में चीन ने साफ कर दिए गांव के गांव, HRW रिपोर्ट में सामने आई लाखों तिब्बतियों के साथ हुए जुल्म की दास्तां
HRW Report : चीन ने 2016 के बाद से 140,000 से अधिक जनसंख्या वाले तिब्बत के 500 गांवों को हटा दिया. संगठन ने 1,000 से अधिक रिपोर्टों के अध्ययन के बाद यह आंकड़ा जारी किया है
![HRW Report : तिब्बत में चीन ने साफ कर दिए गांव के गांव, HRW रिपोर्ट में सामने आई लाखों तिब्बतियों के साथ हुए जुल्म की दास्तां China relocated 500 villages in Tibet since 2016 affecting 140,000 residents violating international law says Human Rights Watch HRW Report : तिब्बत में चीन ने साफ कर दिए गांव के गांव, HRW रिपोर्ट में सामने आई लाखों तिब्बतियों के साथ हुए जुल्म की दास्तां](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/28/653d17013ea314ad85e1a2ab62864d411711612070525966_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
HRW Report : ह्यूमैन राइट्स वॉच (HRW) ने चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने 2016 के बाद से 140,000 से अधिक जनसंख्या वाले तिब्बत के 500 गांवों को हटा दिया. संगठन ने चीन के सरकारी मीडिया में 1,000 से अधिक रिपोर्टों के अध्ययन के बाद यह आंकड़ा जारी किया है. जिसमें बताया गया कि चीनी अधिकारियों ने 2000 और 2024 के बीच 930,000 से अधिक ग्रामीण तिब्बतियों को स्थानांतरित किया है. इनमें से करीब 76 प्रतिशत का स्थानांतरण 2016 से हुआ है. 70 पेज की रिपोर्ट में बताया गया कि चीनी अधिकारी लोगों से भ्रामक दावा करते हैं कि यहां से जाने से बेहतर रोजगार और ज्यादा इनकम होगी. चीनी कानून के अनुसार, जिन लोगों को स्थानांतरित किया गया है, उन्हें वापस लौटने से रोकने के लिए घरों को ध्वस्त किया जाता. वहीं, चीन का कहना है कि यह सभी प्रक्रिया उनके इच्छानुसार हुई है. उनकी इच्छा से ही स्थानांतरण किया गया है.
रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा
दरअसल, रिपोर्ट में बताया गया कि स्थानांतरित 709,000 लोगों में से 140,000 को पूरे गांव के पुनर्वास अभियान के हिस्से के रूप में और 567,000 को व्यक्तिगत घरेलू पुनर्वास के हिस्से के रूप में स्थानांतरित किया गया था. पूरे गांवों को सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थानों पर भेज दिया गया. 2016 के बाद से तो यह प्रक्रिया और तेज कर दी गई. वहीं, तिब्बत की निर्वासित सरकार ने चीनी अधिकारियों पर दमनकारी उपायों का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, बच्चों को माता-पिता से जबरन अलग किया गया और बोर्डिंग स्कूलों में प्रवेश पर रोक लगा दी गई. HRW ने तर्क दिया कि यह पुनर्वास प्रक्रिया जबरन बेदखली के बराबर है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है. सरकार स्थानांतरित होने के एक वर्ष के भीतर इन घरों को ध्वस्त करने की मांग करके लोगों को उनके पूर्व घरों में लौटने से रोकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2000 और 2024 के बीच कुल 3.36 मिलियन ग्रामीण तिब्बती चीन के इस रवैय्ये से प्रभावित हुए.
चीन क्या कहा?
HRW की कार्यवाहक चीन निदेशक माया वांग ने कहा कि चीनी सरकार का कहना है कि तिब्बती गांवों का स्थानांतरण स्वैच्छिक है, वह इस दावे का खंडन करती है. यह रिपोर्ट 2016 और 2023 के बीच प्रकाशित चीन के सरकारी मीडिया में 1,000 से अधिक लेखों पर आधारित है. वहीं, रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी स्थानांतरण अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप हों, जिसमें बेदखली से पहले सभी संभावित विकल्पों की खोज करना, मुआवजा देना और प्रभावित लोगों को कानूनी उपाय प्रदान करना शामिल है.
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