अमेरिकी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक चीन के सिनोफार्मा में बनी वैक्सीन कोविड 19 को रोकने में कारगर है. वैज्ञानिक साहित्य में पहली बार चीनी शॉट के देर से परीक्षण के रिजल्ट सामने आए हैं. वहीं वैक्सीन बनाने वाली चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप कंपनी ने दो वैक्सीन बनाई हैं, जो कोविड 19 को हराने में 72.8% और 78.1% तक कारगर हैं. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के 26 मई को इसके बारे में जानकारी दी है.


बीजिंग में स्थित एक अन्य वैक्सीन निर्माता सिनोफार्म और सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड समेत चीनी शॉट्स ने हंगरी और सर्बिया से लेकर सेशेल्स और पेरू तक विकासशील देशों में वैक्सीन को रोल आउट किया, जिसके बाद वैक्सीनेशन जांच के दायरे में आ गया और शॉट्स की सुरक्षा और प्रभावकारिता के बारे में पर्याप्त डेटा साझा नहीं करने के लिए उनके निर्माताओं की आलोचना की गई है.


हालांकि जामा में प्रकाशित अध्ययन में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र और जॉर्डन के 40,832 स्वयंसेवकों को शामिल किया गया था. जिन्हें समान रूप से तीन समूहों में विभाजित किया गया था और वैक्सीन की दोनों डोज दी गई. वहीं वैक्सीन दिए जाने वाले स्वयंसेवकों में से किसी को भी गंभीर बीमारी नहीं हुई.


चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप का बयान


सिनोफार्म की सहायक कंपनी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप ने एक बयान में कहा कि परिणाम शुरू में 17 मार्च को जामा को सौंपे गए थे. जो पेपर 12 मई को प्रकाशन के लिए स्वीकार किया गया था. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस महीने की शुरुआत में सिनोफार्म के कोविड शॉट्स में से एक को मंजूरी दे दी थी, जिससे कोवैक्स सुविधा के माध्यम से इसे दुनिया भर में ज्यादा व्यापक रूप से वितरित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ.


एक वैक्सीन को WHO ने नहीं दी मंजूरी


औपचारिक सहकर्मी समीक्षा या प्रकाशन के बिना एक अन्य सिनोवैक शॉट पर मुख्य विवरण जारी किया गया था, लेकिन उस वैक्सीन को अभी तक डब्ल्यूएचओ से हरी झंडी नहीं मिली है, हालांकि दुनिया भर में इसकी 380 मिलियन से ज्यादा खुराक वितरित की जा चुकी हैं.


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