UNSC Resolution On Afghanistan: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भारत की मौजूदा अध्यक्षता में सोमवार को अफगानिस्तान के हालात पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मांग की गई है कि युद्ध प्रभावित देश का इस्तेमाल किसी देश को डराने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाए. यूएनएससी के 13 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया. वहीं इसके स्थाई सदस्य रूस और चीन मौजूद नहीं रहे. बाद में इस पर चीन ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये जबरदस्ती थोपा गया है.


चीन के प्रतिनिधि ने कहा, “दुर्भाग्य से, हमारे संशोधनों को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया गया है... चीन ने हमेशा किसी भी एक प्रस्ताव को थोपने या जबरदस्ती जोर देने का विरोध किया है.” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “चीन को इस प्रस्ताव को अपनाने की आवश्यकता और तात्कालिकता के बारे में बहुत संदेह है...इसके बावजूद, चीन ने रचनात्मक रूप से परामर्श में भाग लिया है और रूस के साथ महत्वपूर्ण और उचित संशोधनों को सामने रखा है.”






चीन के प्रतिनिधि ने ये भी कहा, “अफगानिस्तान में हालिया अराजकता का सीधा संबंध विदेशी सैनिकों की अव्यवस्थित वापसी से है. हमें उम्मीद है कि संबंधित देश यह महसूस करेंगे कि वापसी जिम्मेदारी का अंत नहीं है बल्कि सुधार की शुरुआत है.”


बता दें कि यूएनएससी में अफगानिस्तान पर जो प्रस्ताव पारित किया गया उसे अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पेश किया. परिषद के 13 सदस्य देशों द्वारा प्रस्ताव के पक्ष में मत दिये जाने के बाद इसे पारित कर दिया गया, जबकि परिषद के स्थायी सदस्य रूस और चीन मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे. प्रस्ताव में मांग की गई है कि अफगानिस्तान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने या किसी देश पर हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए न किया जाए.


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