(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
China-Russia Relation: कोरोना काल के बाद पहली बार चीन से निकलेंगे शी जिनपिंग, सबसे पहले पुतिन से मिलेंगे
China-Russia Relation: कोरोना महामारी के बाद पहली बार चीन से बाहर निकलेंगे राष्ट्रपति शी जिनपिंग और सबसे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे. दोनों की मुलाकात पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी.
China-Russia Relation: कोरोना महामारी के बाद पहली बार चीन के राष्ट्रपतिशी जिनपिंग इस सप्ताह मध्य एशिया की यात्रा के लिए निकलेंगे. दो साल से अधिक समय में पहली बार चीन छोड़कर जिनपिंग बाहर निकलेंगे. अपनी विदेश यात्रा में वे सबसे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं की मुलाकात काफी अहम रहने वाली है. दोनों देशों की तरफ से नेताओं की मुलाकात के विषय में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है.
दो साल बाद चीन से निकलेंगे जिनपिंग
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से शी जिनपिंग की ये पहली विदेश यात्रा है, जो यह दिखाती है कि चीन में सत्ता पर अपनी पकड़ के बारे में शी कितने आश्वस्त हैं और दूसरी तरफ खतरनाक वैश्विक स्थिति पर उनकी पूरी नजर रहती है. यूक्रेन पर पश्चिम के साथ रूस का टकराव जारी है, तो वहीं ताइवान से चीन का टकराव भी चल रह है दोनों के बीच लड़खड़ाती वैश्विक अर्थव्यवस्था के दौर से दुनिया के तमाम देश गुजर रहे हैं.
सबसे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से होगी मुलाकात
शी बुधवार को अपनी राजकीय यात्रा पर निकलेंगे और कजाकिस्तान और क्रेमलिन के अनुसार, उज्बेकिस्तान के प्राचीन सिल्क रोड शहर समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में जाएंगे और सबसे पहले वहां वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करेंगे.
पुतिन के विदेश नीति सहयोगी यूरी उशाकोव ने पिछले सप्ताह संवाददाताओं से कहा था कि पुतिन के शिखर सम्मेलन में शी से मिलने की उम्मीद है. लेकिन क्रेमलिन ने ये मुलाकात किस वजह से हो रही, इसका विवरण देने से इनकार कर दिया. चीन ने भी अभी तक शी की यात्रा योजनाओं की पुष्टि नहीं की है.
रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ राष्ट्रपति शी की मुलाकात चीन को अपने दबदबे को दिखाने का अवसर देगी जबकि पुतिन भी एशिया के प्रति रूस के झुकाव को प्रदर्शित कर सकते हैं. दोनों नेता आपसी मुलाकात में संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रति अपना विरोध दिखा सकते हैं जो आजकल पश्चिमी देशों को बार-बार यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को दंडित करना चाहता है.
अपना आधिपत्य दिखाने की होगी कोशिश
"रेड फ्लैग्स" के लेखक जॉर्ज मैग्नस ने कहा "मेरे विचार में शी यह दिखाना चाहते हैं कि वह घरेलू स्तर पर कितने आश्वस्त हैं और उन्हें पश्चिमी आधिपत्य के विरोध में राष्ट्रों के अंतर्राष्ट्रीय नेता के रूप में देखा जाना चाहिए." फ्लैग्स ने आगे कहा कि निजी तौर पर मुझे लगता है कि शी सबसे ज्यादा चिंतित होंगे कि पुतिन का युद्ध कैसा चल रहा है. रूस को पिछले हफ्ते युद्ध की सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा और रूसी सेना ने पूर्वोत्तर यूक्रेन में अपना मुख्य गढ़ छोड़ दिया ."
रूस और चीन की बढ़ती दोस्ती से बढ़ेगी चिंता
चीन की बढ़ती महाशक्ति और रूस के प्राकृतिक संसाधनों के बीच गहरी साझेदारी को पश्चिम देश चिंता की दृष्टि के साथ देख रहे हैं. रूस को चीन अगले दशक में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देख रहा है जो अमेरिका को पछाड़ सकता है. लेकिन इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि पश्चिम देशों के साथ रूस के सबसे गंभीर टकराव में शी पुतिन के लिए अपना समर्थन छोड़ने के लिए तैयार होंगे.
इसके बजाय, 69 वर्षीय दोनों नेता अपने संबंधों को गहरा कर रहे हैं. 2022 के पहले 7 महीनों में रूस और चीन के बीच व्यापार लगभग एक तिहाई बढ़ गया है. शी 2013 में चीन के राष्ट्रपति बनने के बाद से 38 बार व्यक्तिगत रूप से पुतिन से मिल चुके हैं, उन्होंने 2021 में जो बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से व्यक्तिगत रूप से उनसे अबतक मुलाकात नहीं की है.
यूक्रेन पर हमले से पहले मिले थे दोनों नेता
शी ने आखिरी बार फरवरी में पुतिन से मुलाकात की थी, जब रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश दिया था. शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन पर उस बैठक में, शी और पुतिन ने पश्चिम के खिलाफ और अधिक सहयोग करने के वादे के साथ यूक्रेन और ताइवान पर गतिरोध पर एक-दूसरे का समर्थन करते हुए साझेदारी की घोषणा की थी. चीन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ऑपरेशन की निंदा करने या क्रेमलिन के अनुरूप इसे "आक्रमण" कहने से परहेज किया है, जो युद्ध को "एक विशेष सैन्य अभियान" के रूप में बताता है.
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