China: खत्म हो रहा है शी जिनपिंग का दूसरा कार्यकाल, माओ के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता के तौर पर उभरे
Xi Jinping As Great Leader: शी जिनपिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में बहाल करने की पूरी उम्मीद है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) ने इसके लिए पूरी तैयारी कर डाली है.
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China's Communist Party Sets Stage For Xi Jinping: चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) ने शी जिनपिंग (Xi Jinping) को "महान नेता" के रूप में नामित करने के लिए मंच तैयार कर दिया है. इसमें दो राय नहीं की ड्रैगन के देश चीन में अभूतपूर्व तीसरे राष्ट्रपति के तौर पर शी जिनपिंग का कार्यकाल पक्का होने की पूरी उम्मीद है. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी 16 अक्टूबर से अपनी 20 वीं पार्टी कांग्रेस (Congress) शुरू करने जा रही है.देश की मीडिया ने मंगलवार को इस ऐतिहासिक बैठक के होने की सूचना दी. इस बैठक में मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दशकों बाद देश के सबसे शक्तिशाली नेता के तौर पर राजतिलक (Anointed) किए जाने की उम्मीद है. इसी के साथ चीन के 46 साल के इतिहास में माओ के बाद शि जिनपिंग महान नेता का कद हासिल करने जा रहे हैं.
राजनीतिक बाधाओं के बीच चीन में कांग्रेस
राजधानी बीजिंग में कांग्रेस की बैठक ऐसे वक्त में बुलाई जा रही है जब शी जिनपिंग को अहम राजनीतिक बाधाओं का सामना कर रहे हैं. इन बाधाओं में बीमार अर्थव्यवस्था, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ खराब होते संबंध और सख्त जीरो-कोविड (Zero-Covid Policy) नीति शामिल हैं. इस राजनीतिक स्थिति ने मौजूदा वक्त में चीन को दुनिया की जगह खुद के अंदर झांकने को मजबूर कर दिया है. बड़े स्तर पर यह उम्मीद की जा रही है कि शी को राष्ट्रपति के तीसरे कार्यकाल के लिए भी बहाल किया जाएगा. चीन में अक्टूबर में होने जा रही ये कांग्रेस एक नए शीर्ष नेतृत्व की कतार से भी परदा उठाने जा रही है.
क्योंकि शी पार्टी पर अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं. यही नहीं देश के संस्थापक माओत्से तुंग या ज़ेदोंग (Mao Zedong) के बाद से सबसे शक्तिशाली चीनी नेता के रूप में भी उनका कद खासा मजबूत हैं.चीन के 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो (Politburo) की सोमवार की बैठक में राज्य प्रसारक सीसीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर पांच साल में होने वाली कांग्रेस की बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी और इसकी तैयारियां सुचारु रूप से की गईं है. इस कार्यक्रम में देश भर से लगभग 2,300 कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि बीजिंग (Beijing) पहुंचेंगे. यहां ये प्रतिनिधि पार्टी की लगभग 200 सदस्यों की केंद्रीय समिति (Central Committee) के सदस्यों का चुनाव करेंगे.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा केंद्रीय समिति की अंतिम बैठक 9 अक्टूबर से बीजिंग में होगी. केंद्रीय समिति तब 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो और उसकी सर्वशक्तिमान स्थायी समिति (Standing Committee) के लिए मतदान करेगी. गौरतलब है कि ये चीन का सर्वोच्च नेतृत्व निकाय और सत्ता का शीर्ष है. मौजूदा वक्त में इसमें सात लोग शामिल हैं.इस मतदान प्रक्रिया को अगर औपचारिकता कहा जाए तो कोई दो राय नहीं होगी क्योंकि पोलित ब्यूरो और उसकी स्थायी समिति का पदानुक्रम (Pecking Order) बहुत पहले से तय हो जाने की संभावना है. हालांकि 16 अक्टूबर से शुरू होने जा रही कांग्रेस कब तक चलेगी इसके बारे में अभी तक कुछ साफ नहीं है.
किसी आश्चर्य की उम्मीद न पालें
विश्लेषक कहते हैं कि किसी को भी ये उम्मीद नहीं पालनी चाहिए कि कांग्रेस के प्रारूप और समय के संदर्भ में कोई बदलाव होगा. चीनी राजनीति विशेषज्ञ और सिंगापुर के नेशनल यूनिवर्सिटी (National University Of Singapore) में एसोसिएट प्रोफेसर अल्फ्रेड वू मुलुआन (Alfred Wu Muluan) ने कहा, "ज्यादातर लोगों को यह देखकर आश्चर्य नहीं होगा कि शी जिनपिंग का तीसरा कार्यकाल होगा. मुझे लगता है कि कुछ वक्त पहले से ही इसकी तैयारी की जा चुकी है."
कहा जा रहा है कि शी पोलित ब्यूरो में खास तौर पर फ़ुज़ियान (Fujian) और झेजियांग (Zhejiang) जहां वह पहले शीर्ष पदों पर रह चुके हैं वहां वो अपने समर्थकों के फीसदी में बढ़ोतरी करेंगे. ताकि वह पांच साल के समय में अपने चौथे कार्यकाल के लिए उनके समर्थन पर भरोसा कर सकें. यह संभावना है कि शी को कांग्रेस में "महान नेता" की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा. वू ने कहा कि यह वह शब्द है जिसका इस्तेमाल चीन में आखिरी बार माओत्से तुंग के लिए किया गया था.
पार्टी के प्रचार संगठन ने इसका सबूत पहले ही दे दिया है. जैसा कि इसके आधिकारिक समाचार पत्र पीपुल्स डेली (People's Daily) पर गौर करे तो इसने शी जिनपिंग के लिए "पीपुल्स लीडर" शब्द का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. वू ने कहा कि बहुत संभावना है कि शीर्ष नेतृत्व में कौन होगा इसका फैसला अगस्त में समुद्र तटीय शहर बेइदैहे (Beidaihe) में कम्युनिस्ट पार्टी नेताओं के दो सप्ताह के गुप्त सम्मेलन के दौरान कर लिया गया हो.
शी की बेकाबू ताकत
शी ((Xi) के दशक भर के कार्यकाल में पार्टी के अंदर भ्रष्टाचार पर भी शिकंजा कसा गया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को कुचलने के साथ-साथ हांगकांग में एक लोकतंत्र आंदोलन को कुचलने और शहरों पर कोराना वायरस के काबू करने के नाम पर सख्त तालाबंदी की.यही वजह रही की उन्हें उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में अपनी दमनकारी नीतियों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सख्त मानवाधिकारों की आलोचना का सामना करना पड़ा है. यहां शी के निर्देशों पर लगभग दस लाख उइगर (Uyghurs) और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को आतंकवाद फैलाने का आरोप लगा उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
उन्होंने भेड़िया योद्धा (Wolf Warrior) विदेश नीति की शुरुआत की. उनकी इस नीति ने पश्चिमी लोकतंत्रों (Western Democracies) और चीन के कुछ क्षेत्रीय पड़ोसियों को अलग-थलग कर दिया. वही घरेलू राष्ट्रवाद को बड़े पैमाने पर विकसित करते हुए रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों को आगे बढ़ाया. उन्होंने 2018 में राष्ट्रपति कार्यकाल की समय सीमा समाप्त कर दी. इससे पहले राष्ट्रपति पद की दो कार्यकाल की अवधि (Presidential Two-Term Limit) तक रहने की सीमा रखी गई थी. इसे मूल रूप से पूर्व नेता देंग शियाओपिंग (Deng Xiaoping) ने 1980 के दशक में शुरू किया था. चीनी नेता देंग ने राष्ट्रपति पद के लिए यह समय सीमा माओ (Mao) जैसी तानाशाही को रोकने के लिए शुरू की थी.
इस सीमा की वजह से एक तरह से राष्ट्रपति पद पर आजीवन बने रहने की संभावना खत्म कर दी गई थी. गौरतलब है कि चीन की क्रांति के बाद पार्टी के संस्थापक माओ जेदोंग ने भी निरंकुश सत्ता भोग किया था. इसे खत्म कर शी जिनपिंग ने ताउम्र राष्ट्रपति के पद पर बने रहने का अपना रास्ता साफ कर लिया है. शी 2012 में सत्ता पर काबिज हुए थे. इसके अलावा वह पार्टी और सेना के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. तब चीन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए दो कार्यकाल की समय सीमा को खत्म करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभुत्व को बरकरार रखने और नेतृत्व में एकता बनाए रखने के लिए यह जरूरी था.
बीते एक साल में चीनी प्रचार (Chinese Propaganda) ने शी की विरासत को मजबूत करने, उनके पूर्ववर्तियों की उपलब्धियों को कम करने और उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वोच्च पदों पर स्थापित करने के लिए तेजी से काम किया है. विश्लेषकों का अनुमान है कि इस साल की कांग्रेस में, शी पार्टी संविधान में अपने आधिकारिक राजनीतिक दर्शन के नाम को छोटा कर उसे अर्थपूर्ण शी जिनपिंग थॉट (Xi Jinping Thought) करना चाहते हैं, जिससे कि उन्हें माओ के बराबर का दर्जा मिल सके.
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