चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के निवर्तमान विदेश मंत्री माइक पेाम्पियो को बुधवार को ‘‘महाविनाश का पुतला’’ करार दिया और कहा कि उनके द्वारा चीन को नरसंहार और मानवता के विरूद्ध अपराध का दोषी करार दिया जाना केवल ‘रद्दी का एक पुर्जा भर है.’ चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन के शिंजियांग क्षेत्र में मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ प्रताड़ना के आरोप लगाना ‘‘एकदम सनसनी फैलाने वाले छद्म प्रस्ताव’’ हैं और चीन विरोधी दुर्भावना रखने वाले व्यक्ति पोम्पियो की कमान में कम्युनिस्ट विरोधी ताकतों की मनगढंत कहानी है.


हुआ ने कहा, ‘‘यह अमेरिकी नेता, जो झूठ बोलने और फरेब करने के लिए कुख्यात है, खुद को ‘महाविनाश का वाहक’ बना रहा है...’’ पोम्पियो की मंगलवार को की गई घोषणा पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत नहीं है लेकिन चीन के खिलाफ अमेरिका अपनी नीति तैयार करने में चीन के संबंध में उनकी घोषणा पर गौर कर सकता है. हालांकि, चीन कहता है कि शिंजियांग में उसकी नीति का लक्ष्य सिर्फ आर्थिक वृद्धि एवं सामाजिक स्थिरता है.’’


उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने शिंजियांग की घटनाओं को पूर्व में गंभीरता से लिया है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, चीन की सरकारी कंपनियों आदि के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं. पिछले हफ्ते(अमेरिका के) निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि शिंजियांग से अमेरिका कपास का आयात रोक देगा.


चीन पर आरोप है कि उसने उग्युर और अन्य मुस्लिम समूहों सहित 10 लाख से अधिक लोगों को कैद कर रखा है। हालांकि, चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है. मेलबर्न, आस्ट्रेलिया के ला ट्रोब में चीनी मूल वासी नीति पर विशेषज्ञ जेम्स लेबोल्ड ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि चीन को जिम्मेदार ठहराने की नीति नये (जो बाइडन) प्रशासन के दौरान भी जारी रहेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि बाइडन प्रशासन चीन सरकार पर दबाव बनाने के लिए सहयोगी देशों को साथ ला सकता है। ’’