Covid-19 : कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर कई तरह के दावे किए जाते रहे हैं. लेकिन इन दावों में अब तक जो सबसे पुख्ता सबूत मिले हैं. उसके हिसाब से कोविड-19 की उत्पत्ति का स्रोत चीन ही है. हालांकि चीन इन आरोपों को हमेशा से खारिज करता आया है. अब चीन स्वास्थ्य अधिकारियों ने अपनी भड़ास वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (WHO) पर निकला है. 


दरअसल, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कोविड-19 वायरस को लेकर चीन से अनुवांशिक जानकारी साझा करने को कहा था. इस पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए WHO पर निशाना साधा है. जानकारी साझा करने वाले डब्ल्यूएचओ के बयान को चीन ने घृणास्पद और अपमानजनक बताया है. 


चाइना सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक शेन होंगबिंग ने कहा कि डब्ल्यूएचओ का बयान चीन के लिए अपमानजनक है. डब्ल्यूएचओ चीन को बदनाम कर रहा है. चीनी मीडिया के अनुसार शेन होंगबिंग ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को कोविड -19 का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.


बता दें कि डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक, टेड्रोस अदनोम घेब्रेसियस ने 17 मार्च को कहा था कि मध्य चीन के वुहान में एकत्रित नई अनुवांशिक सामग्री को तीन साल पहले शेयर करना चाहिए था.


शेन होंगबिंग ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि एक जिम्मेदार देश के रूप में और वैज्ञानिकों के रूप में, हमने हमेशा दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ शोध के परिणामों को सक्रिय रूप से साझा किया है. WHO के बयान के पीछे चीनी अधिकारी ने अमेरिका का हाथ बताया. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत चीन को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. 


WHO ने क्या कहा था 


गौरतलब है कि इससे पहले WHO प्रमुख ने दावा किया कि चीन के पास कोविड की उत्पत्ति का डेटा है जो उसने अभी तक दुनिया से शेयर नहीं किया है. कोविड से निपटने और उसके पूरी तरह से रोकथाम के लिए उनको चीन से इसकी उत्पत्ति से जुड़ा पूरा डाटा चाहिए.


कई वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि कोरोना वायरस वुहान के एक बाजार में जानवरों से मनुष्यों में आया, हालांकि यह शहर प्रयोगशालाओं का घर भी है. जिसमें वायरस एकत्र करने के लिए चीन की शीर्ष सुविधा भी शामिल है. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, सुझाव दिया गया कि COVID-19 एक से लीक हो सकता है.


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