China Space News: जमीन कब्जाने के बाद अब स्पेस पर पड़ी चीन की 'नापाक नजर', अंतरिक्ष 'लूटने' का बनाया ये खास प्लान!
China Space Mining: चीन अब अंतरिक्ष में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. इसके लिए एक खास स्पेस प्रोग्राम प्लान तैयार किया गया है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
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China Space Programme: दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जमीन कब्जाने वाले चीन की नजर अब अंतरिक्ष पर पड़ गई है. चीन का मकसद अंतरिक्ष में मौजूद ग्रहों, एस्टेरॉयड जैसी जगहों पर जाकर वहां से बेशकीमती खनिजों को लाना है. चीनी वैज्ञानिकों ने इसके लिए बकायदा एक शुरुआती रोडमैप भी तैयार किया है. इसमें बताया गया है कि सन 2100 तक सौरमंडल में किस तरह से चीन के लिए एक 'स्पेस रिसोर्स सिस्टम' तैयार करना है.
चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कोर्पोरेशन के प्रमुख वैज्ञानिक वांग वी की देखरेख में इस सिस्टम को तैयार किया गया है. उनके मुताबिक, इस सिस्टम का मकसद पृथ्वी से परे पानी और खनिज संसाधानों को खोजना और फिर खनन कर उसका इस्तेमाल करना है. वांग का कहना है कि स्पेस टेक्नोलॉजी में हुए विकास की वजह से जल्द ही चंद्रमा समेत गहरे अंतरिक्ष में जाकर संसाधनों को खोजा जाएगा और उनका आर्थिक फायदे के लिए इस्तेमाल होगा.
वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, चीन के इस सिस्टम को मिंग वंश के वैज्ञानिक सोंग यिंगसिंग की किताब Tiangong Kaiwu के नाम पर अपना नाम मिला है. वांग का कहना है कि उनके देश की इस पहल के जरिए वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, चीन की इस पहल को लेकर लोगों के बीच डर भी है, क्योंकि जिस तरह से उसने दक्षिण चीन सागर में द्वीपों को कब्जाया है, ठीक वैसे ही वह स्पेस में एस्टेरॉयड के साथ कर सकता है.
चीन का इरादा क्या है?
चाइना स्पेस न्यूज के मुताबिक, पिछले तीन सालों में वांग और उनकी टीम ने अंतरिक्ष में मौजूद संसाधनों के इस्तेमाल के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी इजाद करने पर जोर दिया है. अंतरिक्ष में मौजूद एस्टेरॉयड, बृहस्पति ग्रह के चंद्रमाओं, मंगल जैसे ग्रहों पर पानी बर्फ के रूप में जमा है. चीन का मकसद बर्फ के तौर पर मौजूद इस पानी का इस्तेमाल करना है. इसके लिए फैसिलिटी बनाई जाएगी और फिर पूरे सौरमंडल में इस्तेमाल के लिए एक रिसप्लाई सिस्टम तैयार किया जाएगा.
आसान भाषा में समझें, तो एक बेस होगा, जहां पानी और जरूरी खनिजों को रखा जाएगा. फिर जरूरत पड़ने पर इसे सौरमंडल के किसी भी हिस्से तक भेजा जा सकेगा. चीन के प्लान के मुताबिक, पानी और खनिज स्टोर करने वाली फैसिलिटी को पृथ्वी और चंद्रमा के बीच बनाया जाएगा. इन्हें सूर्य से लेकर पृथ्वी, मंगल और बृहस्पति तक भी फैलाने का प्लान है. यानी कि स्टोरेज फैसिलिटी का एक पूरा जाल सौर मंडल में बिछा दिया जाएगा.
स्पेस पर क्यों पड़ी है चीन की नजर?
दरअसल, हमारे सौरमंडल में 13 लाख से ज्यादा एस्टेरॉयड मौजूद हैं. इसमें से 700 तो पृथ्वी के बेहद करीब हैं. हर एक एस्टेरॉयड की कीमत 100 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है. 122 एस्टेरॉयड ऐसे हैं, जहां पर जाकर आसानी से खुदाई की जा सकती है. यही वजह है कि चीन अंतरिक्ष में मौजूद इन एस्टेरॉयड को हथियाना चाहता है. चीन के इस पूरे प्लान को 2035 से लेकर 2100 तक पूरा करने की डेडलाइन सेट की गई है.
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