Nancy Pelosi Taiwan Visit: नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर चीन ने अमेरिकी राजदूत को किया तलब, कहा- चुकानी होगी कीमत
Nancy Pelosi in Taiwan: नैंसी पेलोसी के ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचने के तुरंत बाद चीनी सेना सक्रिय हो गई है. कई चीनी सैन्य विमानों ने ताइवानी क्षेत्र में उड़ान भरी है.
Nancy Pelosi in Taipei: नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बीच चीन (China) के उप विदेश मंत्री (Vice Foreign Minister) झी फेंग (Xie Feng) ने चीन में अमेरिकी राजदूत (US Ambassador) निकोलस बर्न्स (Nicholas Burns) को तलब किया. यूएस हाउस स्पीकर (US House Speaker) नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइवान (Taiwan) की यात्रा के विरोध में राजदूत को तलब किया गया. चीन ने जोर देकर कहा कि नैंसी की यात्रा की प्रकृति बेहद शातिर है और परिणाम बहुत गंभीर होंगे. झी ने कहा कि चीनी पक्ष आराम से नहीं बैठेगा. अमेरिका को अपनी गलती की कीमत खुद चुकानी होगी.
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक झी ने कहा कि चीन आवश्यक और मजबूत जवाब देगा और "हम जो कह रह हैं कर के दिखाएंगे". उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार को पेलोसी के बेईमान कदम को रोकना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया, यह ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को बढ़ाएगा और चीन-अमेरिका संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा.
सिन्हुआ के अनुसार, झी ने बर्न्स से कहा, "ताइवान चीन का है, और ताइवान अंततः मातृभूमि के आलिंगन में लौट आएगा. चीनी लोग भूत, दबाव और बुराई से डरते नहीं हैं."
चीनी सैन्य विमानों ने ताइवानी क्षेत्र में भरी उड़ान
बता दें नैंसी पेलोसी के ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचने के तुरंत बाद चीनी सेना सक्रिय हो गई है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 21 से अधिक चीनी सैन्य विमानों ने मंगलवार को द्वीप के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में उड़ान भरी. चीन की सेना ने कहा कि वह "हाई अलर्ट" पर है और पेलोसी की यात्रा के जवाब में "लक्षित सैन्य कार्रवाई की एक श्रृंखला शुरू करेगी." चीनी सेना बुधवार से शुरू होने वाले ताइवान के आसपास के पानी में सैन्य अभ्यास की एक श्रृंखला की योजना की घोषणा की.
ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन
गौरतलब है कि चीन (China) ताइवन (Taiwan) को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा समझता है और किसी विदेशी हस्ती के ताइवान दौरे का विरोध करता रहा है. बीजिंग (Beijing) दावा है कि वह एक चीन की नीति (One China Policy) का अनुपालन करता है और जोर देता है कि बाकी देश भी इसको मानें.
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