Mohamed Muizzu: मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू बनेंगे भारत के लिए नया सिरदर्द, जीत के साथ ही उगलने लगे जहर, जानें ऐसा कहा
Mohammed Muizzu: मालदीव के चीन समर्थक नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने जीत के साथ ही भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है. उनके भाषण से स्पष्ट हो गया है कि वह भारत के लिए सिरदर्द बनने वाले हैं
India Maldives Relation: मालदीव में शनिवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू ने शानदार जीत हासिल की. इस जीत के साथ ही मुइज्जू ने संकेत दे दिए हैं कि वह चीन की बोली बोलेंगे, साथ ही भारत की सिरदर्दी बढ़ाएंगे. दरअसल, मुइजू ने मालदीव से भारतीय सेना को हटाने की बात दोहराई है. अपने ताजा बयान में उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के पहले ही दिन से मालदीव की धरती से विदेशी सैनिकों को हटाने के प्रयास शुरू करेंगे. बता दें कि मुइज्जू ने मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह को शिकस्त दी है.
इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति रहे मोहम्मद सोलिह को भारत समर्थक के रूप में देखा जा रहा था. सोलिह की सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के बीच रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं. हालांकि अब मुइज्जू के चुनाव जीतने के बाद माना जा रहा है कि भारत को झटके मिलेंगे. मुइज्जू कितने बड़े भारत विरोधी हैं, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव के दौरान मोहम्मद मुइज्जू और उनकी पार्टी ने मोहम्मद सोलिह को सत्ता से हटाने के लिए 'इंडिया-आउट' कैंपेन का नारा दिया था. मुइज्जू ने अपने चुनावी भाषणों के दौरान कई बार सोलिह सरकार पर आरोप लगाया कि इस दौरान भारत ने मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता में हस्तक्षेप किया है.
कोई भी विदेशी सैनिक नहीं रहेगा: मुइज्जू
चुनाव जीतने के तुरंत बाद मुइज्जू ने कहा कि देशवासियों की इच्छा के विरुद्ध मालदीव में कोई भी विदेशी सैनिक नहीं रहेगा. वे अपने कार्यभार के पहले दिन से ही विदेशी सैनिकों को हटाने की कोशिशें शुरू कर देंगे. उन्होंने कहा कि लोगों ने इसी प्रतिज्ञा की वजह से उन्हें वोट दिया है, ऐसे में वह अपनी प्रतिज्ञा पर कायम रहेंगे.
अर्थव्यवस्था पर भी काम करेंगे मुइज्जू
अपने सम्बोधन में मुइज्जू ने देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि विदेशी सैनिकों के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था भी एक मुद्दा है. उन्होंने बिना किसी देश का जिक्र किए कहा कि देश का आधा कर्ज एक विशिष्ट देश पर बकाया है. लेकिन उन्होंने निर्धारित राजनयिक चैनलों के माध्यम से ऐसे मुद्दों को हल करने में भरोसा जताया. मुइज्जू ने आगे दावा किया कि कई देशों के राजदूतों ने उनके मीटिंग का अनुरोध किया हैं. लेकिन नियमों के अनुसार ही इन मीटिंग्स को पूरा किया जाएगा.
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