China Taiwan Conflict: चीन और ताइवान के बीच तनाव (China Taiwan Tension) बना हुआ है. हालांकि सैन्य ताकत के मामले में ताइवान कहीं से भी चीन के सामने नहीं ठहरता है, लेकिन अमेरिका के समर्थन के कारण भारत के पड़ोस में दो देशों की सेनाओं का शक्ति प्रदर्शन बड़ी जंग का शक्ल ले सकता है. फिलहाल इस टकराव में चीन (China) कुछ कमजोर नजर आ रहा है क्योंकि नैंसी पेलोसी ताइवान आयी भीं और लौट भी गयीं और चीन देखता रह गया. इस बीच चीन आज ताइवान के तट पर अभ्यास में ड्रैगन पहली बार लंबी दूरी की तोपखाने और DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइलों (DF-17 Hypersonic Missiles) का इस्तेमाल करेगा. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये मिसाइलें पहली बार ताइवान (Taiwan) के ऊपर से उड़ान भरेंगी.


चीन ने तनाव के बीच ताइवान के खिलाफ अपना पहला कदम उठा दिया है. अमेरिका की स्पीकर नैंसी पेलोसी की मेजबानी करने की सजा के तौर पर चीन ने ताइवान पर बड़े व्यापारिक प्रतिबंधों का एलान कर दिया है. अब चीन ताइवान से फलों और मछलियों का आयात नहीं करेगा. 


चीन ने लगाए व्यापारिक प्रतिबंध


ताइवान से तनाव के बीच चीन ने कई व्यापारिक प्रतिबंध लगाए हैं. चीन में ताइवान से आने वाले बिस्किट और पेस्ट्री पर भी रोक लगा दी गयी है. इसके अलावा चीनी रेत के निर्यात पर रोक लगा दी गई. चीन ने दर्जनों ताइवानी कंपनियों को बैन कर दिया है. ये सब इसलिए किया गया क्योंकि चीन ताइवान का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. ऐसे में आयात-निर्यात पर रोक लगने से ताइवान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा, लेकिन अगर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ा और हालात युद्ध तक पहुंच गए तो अर्थव्यवस्था का ये झटका सिर्फ ताइवान तक नहीं रुकेगा क्योंकि तब लड़ाई उस दक्षिण चीन सागर (South China Sea) तक पहुंचेगी जिसे लेकर अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही तनाव बरकरार है.


साउथ चाइना सी से किन देशों की सीमा लगती है?


दक्षिण चीन सागर यानी साउथ चाइना सी से चीन समेत 10 देशों की सीमायें लगती हैं. इनमें चीन, ताइवान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, ब्रूनेई, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं. इनमें से कुछ मुल्कों के साथ चीन का झगड़ा भी हो चुका है क्योंकि चीन ने इस समंदर के लगभग 90 फीसदी हिस्से पर कब्जा जमाया हुआ है. कुछ समय पहले चीन ने दुनिया को चौंका दिया था, जब उसने समंदर के कुछ हिस्सों को पाटना शुरू किया. चीन ने समंदर के भीतर मजबूत नींव डालकर वहां कृत्रिम द्वीप बना डाले.


समंदर के बीच कृत्रिम द्वीप


समंदर के बीच कृत्रिम द्वीप चीन का सबसे महत्वाकांक्षी और सबसे खतरनाक प्रोजेक्ट है, जो समंदर में पर्यावरण को भी तबाह कर रहा है. अमेरिका को इसकी भनक बहुत देर में लगी. चीन इस समंदर में स्थित मौजूदा द्वीपों को बड़ा करके यहां सैन्य अड्डे बना रहा है ताकि दक्षिण पूर्व एशिया में उसका दखल रहे, लेकिन आखिर ऐसा क्या है कि चीन इस इलाके को हर हाल में अपने कब्जे में बनाए रखना चाहता है? इसकी एक सबसे बड़ी वजह है साउथ चाइना सी के गर्भ में छिपा कुदरत का अनमोल खजाना.


दक्षिण चीन सागर में कितना खजाना?


एक अनुमान के मुताबिक साउथ चाइना सी में करीब 11 बिलियन बैरल तेल है, जिसका दोहन नहीं किया गया है. यही नहीं, साउथ चाइना सी में करीब 190 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस का भण्डार मौजूद हैं. यही वजह है कि साउथ चाइना सी पर चीन की गतिविधियां और चीन का दबदबा अमेरिका और पश्चिमी देशों को खटकता रहा है. असल में अमेरिका समेत बाकी देशों की इस इलाके में दिलचस्पी तब बढ़ी जब चीन ने इस समंदर में तेल की खोज शुरू की.


साउथ चाइना सी कितना अहम?


ये 1970 के दशक के दौर की बात है, वरना उससे पहले तक किसी भी अन्य देश ने इस समंदर के टुकड़े पर अपना दावा नहीं किया था. आर्थिक और सामरिक तौर पर साउथ चाइना सी काफी अहम माना जाता है. साउथ चाइना सी की गहराई में आज अगर बारूद बोया जा रहा है. इसके द्वीपों को पाटकर कई हजार हेक्टेयर की नई जमीन तैयार की जा चुकी है 
और यहां सैन्य अड्डे तैयार किए जा रहे हैं. इन सारी गतिविधियों का कनेक्शन न सिर्फ सुरक्षा हितों से बल्कि आर्थिक हितों से भी जुड़ता हैसाउथ चाइना सी बसे व्यस्ततम समुद्री मार्ग में से एक है. दुनिया में होने वाले व्यापार का 80 फीसदी समुद्र से होता है. जबकि इस कारोबार का एक तिहाई साउथ चाइना सी से होकर गुजरता है. इसी कारोबार पर चीन की नजर है. अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार कमर आगा भी इस बात को मानते हैं.


ड्रैगन बढ़ाना चाहता है अपना दबदबा?


ये बता किसी से छिपी नहीं है कि साउथ चाइना सी (South China Sea) के जरिये चीन दक्षिण पूर्व एशिया में अपना दबदबा बढ़ाना चाहता है, लेकिन इस समंदर से जुड़े दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में अमेरिका (America) ने अपनी मौजूदगी बढ़ाकर चीन (China) को चुनौती दी हुई है. चीन हर हाल में यहां से अमेरिका को खदेड़ना चाहता है. ऐसे में अब सवाल है कि क्या समंदर पर दबदबा कायम करने की इसी होड़ ने युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है? साउथ चाइना सी के एक किनारे पर स्थित ताइवान (Taiwan) को लेकर उमड़ता अमेरिका का प्रेम इसीलिए चीन को खटक रहा है. ताइवान में 25 साल बाद अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की एंट्री से चीन इसीलिए भड़का हुआ है और साउथ चाइन सी इलाके में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दीं.


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