China-USA Covid: अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन सालों में अमेरिका में कोविड-19 महामारी की पांच लहरें आईं. जब संक्रमित लोगों की संख्या अधिक होती थी, तब अमेरिका की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा जाने की रिपोर्ट सामने आईं. सरकार के निष्क्रिय होने की वजह से अमेरिका में कोरोना के वायरस का फैलाव हुआ. इसे 10 करोड़ मामले सामने आए, 10 लाख 80 हजार लोगों की मौत हुई और 2 लाख 50 हजार बच्चे अनाथ बने. अमेरिका में महामारी की स्थिति दुनिया में सबसे खराब है.
महामारी की रोकथाम विफल होने की वजह से बहुत सारे चिकित्सा कर्मचारियों ने इस्तीफा दिया, जिससे अमेरिकी नागरिकों के लिए डॉक्टर को दिखाना और मुश्किल बना. जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2020 से अमेरिका में आईसीयू बिस्तर की प्रयोग दर कुछ खास महीनों को छोड़कर 70 फीसदी तक रही.
राजनीतिक मुद्दा बनाने पर केंद्रित किया
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में महामारी की स्थिति खराब होने का मूल कारण यह है कि सरकार ने ठोस समस्याओं का निपटारा करने के बजाय अपना ध्यान महामारी को राजनीतिक मुद्दा बनाने पर केंद्रित किया. वहीं हम चीन को देखें. पिछले तीन सालों में चीन ने महामारी के गंभीर दौर में सख्त रोकथाम नीति अपनाई. इससे गंभीर मामलों और मौत के मामलों की संख्या काफी हद तक कम हुई और वैक्सीन व दवा के अनुसंधान और चिकित्सा आदि संसाधन तैयार करने के लिए कीमती समय हासिल किया गया.
रोकथाम नीति में बदलाव
अन्य देशों की तरह चीन में महामारी की रोकथाम नीति में बदलाव करने के बाद अनुकूल समय भी आया. चीन में जनसंख्या अधिक है और वृद्धपन एक गंभीर मामला है. कम वक्त में संक्रमित लोगों की संख्या और इलाज की मांग में बढ़ोतरी आना स्वाभाविक है. लेकिन चीनी सरकार ने जल्दी से समस्याओं का निपटारा किया और नागरिकों की जान व स्वास्थ्य बनाए रखने में भरसक प्रयास किया.
क्लास बी मैनेजमेंट उपाय
8 जनवरी से चीन ने कोरोना वायरस के खिलाफ क्लास बी संक्रामक बीमारी के लिए क्लास बी मैनेजमेंट उपायों को अपनाना शुरू किया. इसके तहत चीन आने वाले व्यक्तियों और सामानों को संक्रामक रोग मैनेजमेंट उपायों को अपनाने की आवश्यकता नहीं होगी. चीन में ताजा स्थिति के अनुसार, महामारी-रोधी नीति में सुधार किया. यह कदम ग्लोबल इकोनॉमी को दोबारा से सही जगह पर लाने के लिए लाभदायक है.